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ड्रग माफिया ललित पाटिल

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  • 2  अक्टूबर को अस्पताल से हुआ फरार
  • दादा भुसे और देसाई का करो नार्को टेस्ट
  • मास्टर माइंड का खुलासा हो
  • अब कई लोगों के मुंह बंद हो जाएंगे
मुंबई: ड्रग्स माफिया (Drugs mafia) ललित पाटिल (Lalit Patil) की गिरफ़्तारी से राज्य के शिंदे सरकार की मुश्किलें बढ़ गई है। पुणे के ससून अस्पताल से फरार होने वाले इस आरोपी को मुंबई की साकी नाका पुलिस ने  मंगलवार की रात चेन्नई से गिरफ्तार कर लिया। ड्रग्स के एक मामले में साकी नाका पुलिस को भी पाटिल की तलाश थी। वहीं जब बुधवार की सुबह पाटिल को अंधेरी कोर्ट में पेश किया गया तो उसने मीडिया के सामने कहा कि वह भागा नहीं था, बल्कि भगाया गया (Chased Away) था।
 
उसने यह भी कहा कि पुलिस चाहे तो मेरा नार्को टेस्ट कर सकती है। उसने कहा कि पुणे पुलिस से मेरी जान को खतरा है। पाटिल के इस बयान कई राजनेता, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, हॉस्पिटल के स्टाफ और कई डॉक्टर भी संदेह के घेरे में आ गए है। बड़ा सवाल यह है कि आखिरकार पाटिल को भगाने के बाद उसके रहने, खाने-पीने और  यात्रा की व्यवस्था किसने की थी। आखिर वह कौन है, जो पाटिल को शह दे रहा था। 

 
2  अक्टूबर को अस्पताल से हुआ फरार
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक ललित पाटिल को 2020 में पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस द्वारा भंडाफोड़ किए गए करोड़ों रुपये के मेफेड्रोन (एमडी-ड्रग्स) रैकेट के मामले में गिरफ्तार किया गया था। वह 2020 से न्यायिक हिरासत में था। जून 2021 में हर्निया और तपेदिक के इलाज के लिए उसे पुणे के ससून अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां से वह 2 अक्टूबर को भाग गया था। इसके बाद से पुलिस की भूमिका के साथ-साथ शिंदे गुट के मंत्रियों पर सवाल उठ रहे थे। 

दादा भुसे और देसाई का करो नार्को टेस्ट
उद्धव ठाकरे की पार्टी के उपनेता सुषमा अंधारे ने पाटिल के अस्पताल से भाग जाने के बाद शिंदे गुट के कैबिनेट मंत्री दादा भुसे और शभुराजे देसाई को कटघरे में खड़ा किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि ड्रग्स माफिया को भगाने के पीछे इन दो मंत्रियों का हाथ है। पाटिल के बयान के बाद सुषमा की भविष्यवाणी सच होती दिखाई पड़ रही है।अंधारे ने इन दोनों मंत्रियों का नार्को टेस्ट कराए जाने की मांग की है। हालांकि दोनों मंत्रियों ने पाटिल को भगाने में अपनी किसी भी भूमिका से इंकार किया है। 
 
मास्टर माइंड का खुलासा हो
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष, नाना पटोले ने कहा, ड्रग्स के काले कारोबार का ललित पाटिल तो सिर्फ एक मोहरा है, असली मास्टरमाइंड कौन है। इसका खुलासा होना जरूरी है। राज्य की शिंदे-फडणवीस-अजीत (ईडीए) सरकार महाराष्ट्र की युवा पीढ़ी को नशे की लत में झोंक कर उन्हें बर्बाद करने का पाप कर रही है। पिछले दिनों नासिक और सोलापुर समेत कई शहरों से ड्रग्स की बड़ी खेप पकड़ी गई है। बिना राजनीतिक आशीर्वाद के इस धंधे को अंजाम नहीं दिया जा सकता है।  
  
अब कई लोगों के मुंह बंद हो जाएंगे
डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ललित पाटिल पुलिस के हत्थे चढ़ चुका है। इससे कई लोगों के मुंह बंद हो जाएंगे। हमारी सरकार ने पुलिस को ड्रग्स रैकेट के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिए हैं। इसके मुताबिक पुलिस बल की सभी इकाइयों ने काम करना शुरू कर दिया है। मुंबई पुलिस को नासिक में एक दवा फैक्ट्री के बारे में जानकारी मिली। पुलिस ने उस फैक्ट्री पर छापा मारा। ऐसे काम करने वाले लोगों के खिलाफ जगह-जगह छापेमारी की जा रही है। पाटिल की गिरफ़्तारी के बाद नशे का एक बड़ा नेटवर्क जरूर सामने आएगा। मुझे कुछ अहम जानकारी मिली है कि लेकिन मैं तुरंत मीडिया के साथ शेयर नहीं कर सकता हूं। मैं आपको उचित समय पर सब कुछ बताऊंगा। इतना तय है कि इस ऑपरेशन के माध्यम से हम एक बड़े ड्रग्स नेटवर्क का पर्दाफाश जरुर होगा।