Garbage Electricity

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    मुंबई: मुंबई के हाजी अली (Haji Ali) में कचरे (Garbage) से बिजली (Electricity) बनाने की परियोजना को और आगे बढ़ाया जाएगा। बीएमसी (BMC) ने कचरे से बिजली बनाने के लिए लगाई गई परियोजना से बीएमसी के वर्ली स्थिति हब को बिजली सप्लाई किया जा रहा है। इस परियोजना के रख रखाव के लिए बीएमसी ने संबंधित ठेकेदार का कांट्रैक्ट बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके लिए बीएमसी दो करोड़ 17 लाख रुपए खर्च करने जा रही है।

    मुंबई के मोडक सागर तालाब में पानी से बिजली बनाने की परियोजना शुरु की गई थी। उसके बाद डी वार्ड केशवराव खाडे मार्ग हाजी अली में कचरे से बिजली बनाने की परियोजना शुरु की गई। देवनार में भी कचरे से बिजली बनाने की परियोजना स्थापित की गई है। इससे बीएमसी को अच्छी खासी बिजली मिल रही है। केशवराय खाडे मार्ग में रोजाना दो मैट्रिक टन कचरे को प्रक्रिया कर बायो मेथनेशन पद्धति से बिजली बनाने का काम चल रहा है। यहां पैदा होने वाली बिजली ईवी चार्जिंग स्टेशन के लिए उपलब्ध कराने की योजना है।

     गीले कचरे से मिथेन गैस का निर्माण 

    इस परियोजना के निर्माण का ठेका जीपी एस रिन्युएबल ने किया है, लेकिन परियोजना की देखभाल एरोकेयर एविएशन सर्विसेस लि. की तरफ से मुफ्त किया जाता है। पिछले एक वर्ष से गीले कचरे से मिथेन गैस का निर्माण किया जा रहा है। इस परियोजना को पूरी क्षमता के साथ चलाया जाना जरुरी है। 

    बीएमसी बढ़ाने जा रही है कांट्रैक्ट

    परियोजना की देखरेख करने वाली कंपनी का एग्रीमेंट खत्म हो गया है। उसके बाद इसकी देखरेख बीएमसी को करना है। बीएमसी ने उक्त कंपनी को दुबारा से मरम्मत और रखरखाव करने की मांग थी थी। एयरोकेयर का कांट्रैक्ट बीएमसी ने अगले सात वर्ष के लिए बढ़ाने जा रही है। जिस पर 2 करोड़ 17 लाख रुपए खर्च आएंगे। ठेके की राशि में प्रति वर्ष 5 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी। यह प्रस्ताव मंजूरी के लिए बीएमसी प्रशासक के पास भेजा गया है।