Potholes vikroli

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    मुंबई: मुंबई (Mumbai) की सड़कों में गड्ढ़ों को भरने का बीएमसी समाधान नहीं खोज पाई है। गणपति तक गड्ढ़ों (Potholes) को भरने का आदेश जारी होने के बाद सड़कों में गड्ढे की समस्या दूर नहीं हुई है। इससे लगता है कि नवरात्रि में भी देवी माता का आगमन गड्ढे में ही होगा। बीएमसी (BMC) रोड विभाग  मानसून के पहले ही मुंबई में गड्ढों को भरने का काम शुरू कर दिया है। 

    पहले जानकारी दी गई गई कि गड्ढ़ों को कोल्ड मिक्स से भर दिया गया। उसके बाद भी जब सड़कों में गड्ढे बन गए तो नई तकनीक का सहारा लेने की बात की गई। यह तकनीक भी गड्ढ़ों को भरने में सहायक साबित नहीं हो रही है। सड़कों में गड्ढे से मुंबईकर परेशान हो गए हैं।

    मुंबईकरों का सड़कों पर चलना मुश्किल

     गड्ढ़ों के कारण मुंबईकरों का सड़कों पर चलना मुश्किल हो गया। सड़कों में बने यह गड्ढे दुर्घटना को न्योता दे रहे हैं।  मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के आदेश के बाद भी सड़कों के गड्ढे जैसे थे वैसे ही है। कोई परिवर्तन नहीं दिखाई दे रहा है। 

     बीएमसी के ट्विटर अकाउंट पर मीम्स की बाढ़ 

    गोरेगांव की एक सड़क में लगातार गड्ढ़ों को लेकर बीजेपी की पूर्व  नगरसेविका प्रीती साटम नागरिकों के साथ बीएमसी अधिकारियों से उलझ पड़ी। साटम का कहना था कि तीन बार सड़क के गड्ढे भरने के बाद फिर गड्ढे बन गए हैं। घटिया सामग्री और कमीशनखोरी के कारण सड़कों के गड्ढे भरने में लापरवाही बरती जा रही है।  सड़कों को लेकर बीएमसी के ट्विटर अकाउंट पर मीम्स की बाढ़ आई हुई है, लेकिन बीएमसी अधिकारियों को इससे फर्क नहीं पड़ रहा है।

    बीएमसी का दावा, भरे गए इतने गड्ढे

     बीएमसी के अनुसार, पिछले पांच महीनों में शहर और उपनगरों में 32 हजार 062 गड्ढे भर गए। इसमें कोल्ड मिक्स से 25 हजार 903, वार्ड ठेकेदारों द्वारा 4 हजार 845 और सेंट्रल एजेंसी के जरिए 1 हजार 314 गड्ढों को भरा गया है। महानगरपालिका के 24 विभाग कार्यालयों को लगभग 3 हजार 291 मीट्रिक टन कोल्ड मिक्स यानी 01 लाख 31 हजार 663 बोरी कोल्ड मिक्स की आपूर्ति की जा चुकी है। 

    असफल साबित हो रही बीएमसी

    दादर , कालाचौकी , भायखला , कॉटन ग्रीन , परेल , शिवडी, सीएसटी, माटुंगा, सायन, वडाला, कुर्ला, चेंबूर, मरोल, साकीनाका, अंधेरी, जोगेश्वरी, कांदिवली , मालाड, गोरेगांव क्षेत्र में कई जगहों पर अभी भी गड्ढे दिखाई दे रहे हैं। प्रत्येक वार्ड से 2 करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी बीएमसी सड़कों से गड्ढे खत्म करने में असफल साबित हुई है।

    नहीं पूरा होता दिख रहा गड्ढा मुक्त सड़कों का सपना 

    इस वर्ष रैपिड हार्डनिंग कंक्रीट से गड्ढे भरे जा रहे हैं। लागत अधिक होने के बाद भी यह तकनीक सफल नहीं हुई है। बीएमसी का कहना है कि रैपिड हार्डनिंग कंक्रीट के तरीके सफल होने से अगले वर्ष भी इसका इस्तेमाल किया जाएगा। जिसके बाद तस्वीर कुछ हद तक बदल जाएगी।  गणपति उत्सव के दौरान भी गड्ढों की समस्या दूर नहीं हुई। इस बार भी नवरात्रि से पहले गड्ढे को भरने को लेकर बीएमसी की उदासीनता के कारण गड्ढा मुक्त सड़कों का सपना पूरा होता नहीं दिख रहा है।

    आत्मसम्मान मंच ने किया शंखनाद

    उधर, विक्रोली में गड्ढे की समस्या को लेकर ‘आत्मसम्मान मंच’ की तरफ से शंखनाद किया गया। इस  इलाके में  प्रमुख रूप से जनता मार्केट और अस्मिता कॉलेज के बाहर गड्ढे की और दूसरे जगहों की गड्ढों की समस्या को लेकर लोग परेशान हैं। गड्ढे ठीक से न भरे जाने के कारण लोगों को इन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। गौरतलब है कि विक्रोली और घाटकोपर पूर्व और पश्चिम की सड़कों पर गड्ढों की भरमार हो चुकी है। आत्मसम्मान मंच के अध्यक्ष नित्यानंद शर्मा का कहना है कि नवरात्रि का त्योहार आने वाला है, ऐसे में जल्द से जल्द गड्ढे भरे जाना चाहिए, बीएमसी प्रशासन गड्ढों भरने को लेकर तमाम दावे करता है, लेकिन थोड़ी सी ही बारिश में इन दावों की पोल खुल जाती है।