Gajanan Kirtikar

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मुंबई: मुंबई के उत्तर पश्चिम से शिवसेना सांसद गजानन कीर्तिकर (Gajanan Kirtikar) पर राजनीति में डबल गेम करने के आरोप लग रहे हैं। शिवसेना (Shivsena) में फूट के बाद कीर्तिकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) गुट में शामिल हो गए हैं। लेकिन उनका बेटा अमोल कीर्तिकर (Amol Kirtikar) पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के गुट में बने हुए हैं। ठाकरे गुट ने उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से अमोल को चुनाव मैदान में उतारने का फैसला किया है। गजानन कीर्तिकर भले ही कागज़ पर शिंदे गुट के साथ हैं। लेकिन उनका मन बेटे के साथ लगा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक अमोल अपने पिता के सांसद निधि का इस्तेमाल अपने लोकसभा क्षेत्र के विकास के लिए कर रहे हैं। ताकि अगले साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए उनकी  ज़मींन तैयार हो सके।

शिंदे के लिए सिरदर्द बन सकते हैं गजानन कीर्तिकरयह पूरी तरह से तय है कि गजानन कीर्तिकर अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने वाले नहीं हैं। ऐसे में शिंदे गुट में रहते हुए भी वे अपने बेटे अमोल के लिए आगामी चुनाव में जीत को लेकर अप्रत्यक्ष रूप से उनकी मदद कर रहे हैं। इस वजह से शिंदे गुट के लिए अगले लोकसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार के लिए जीत की राह बनाना आसान नहीं होगा।

निरुपम का भी इस सीट पर दावा
कांग्रेस के पूर्व सांसद संजय निरुपम ने भी उत्तर पश्चिम सीट पर दावा ठोका है। इस वजह से भी गजानन कीर्तिकर अपने बेटे अमोल की मदद करना चाहते हैं ताकि उनके परिवार का इस सीट पर दबदबा बना रहे। शिवसेना का ठाकरे गुट इस बार इंडिया गठबंधन में शामिल है। जहां कांग्रेस उसकी सहयोगी दल बन गई है। ऐसे में निरुपम की हठ की वजह से उतर पश्चिम सीट से अमोल कीर्तिकर को टिकट मिलना आसान नहीं होगा। यही वजह है कि गजानन कीर्तिकर अपने सांसद फंड के  माध्यम से अमोल के दावे को मजबूत बनाना चाहते हैं ताकि इंडिया गठबंधन के अंदर निरुपम के मुकाबले उनके बेटे को ज्यादा वेटेज मिल सके। गजानन कभी नहीं चाहेंगे कि इस सीट का प्रतिनिधित्व आने वाले दिनों में कोई कांग्रेसी नेता करें।

खिचड़ी घोटाले में फंसे हैं अमोल
सांसद गजानन कीर्तिकर के बेटे अमोल कीर्तिकर के खिलाफ मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा खिचड़ी घोटाले में पूछताछ कर रही है। इस वजह से उनका पलड़ा थोड़ा कमज़ोर हुआ है। ऐसे में गजानन कीर्तिकर अपने बेटे के लिए डैमेज कंट्रोल में लगे हुए हैं ताकि आगामी लोकसभा चुनाव में उन्हें टिकट मिलने में किसी तरह की दिक्कत न पेश आए। 

लगातार दो चुनाव जीत चुके हैं कीर्तिकर
वर्तमान में गजानन कीर्तिकर मुंबई के उत्तर पश्चिम लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं और उन्होंने एकनाथ शिंदे की शिवसेना को समर्थन दिया है। इस सीट पर उनका दबदबा है। उन्होंने 2014 में कांग्रेस के गुरुदास कामत और 2019 में संजय निरुपम को हराया है। कीर्तिकर को शिवसेना प्रमुख  बालासाहेब ठाकरे का काफी करीबी माना जाता था। एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद यह उत्सुकता थी कि वे किसका समर्थन करेंगे। उन्होंने पिछले दशहरा मेले से पहले एकनाथ शिंदे के साथ जाने के अपने फैसले की घोषणा की थी। हालांकि अब 80 साल के हो चुके कीर्तिकर के लिए साल 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ना आसान नहीं होगा। इसलिए यह तय है कि वे अपने बेटे को ही अगले लोकसभा चुनाव में ठाकरे गुट से उम्मीदवार बनाए जाने के बाद उनका समर्थन भी करेंगे।

ठाकरे गुट का पलड़ा भारी
उत्तर पश्चिम मुंबई लोकसभा क्षेत्र में कुल छह विधानसभा क्षेत्र हैं, जोगेश्वरी पूर्व, दिंडोशी, गोरेगांव, वर्सोवा, अंधेरी पश्चिम, अंधेरी पूर्व. इन छह में से तीन भाजपा और तीन ठाकरे गुट के विधायक हैं। इस वजह से शिंदे गुट के मुकाबले यहां ठाकरे गुट का पलड़ा भारी है। इस वजह से भी गजानन कीर्तिकर की उम्मीद अपने बेटे पर टिकी है।