Chanda Kochhar
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    नई दिल्ली/मुंबई. बीते सोमवार को जहां बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने ICICI बैंक की पूर्व CEO चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर (Chanda Kochhar and Deepak Kochhar) को न्यायिक हिरासत से रिहा करने का आदेश दिया गया था । वहीं इस जमानत के मिलने के बाद अब आज यानी मंगलवार को कोचर दंपति को अब से कुछ देर पहले जेल से आजाद कर दिया गया है। 

    क्या कहा कोर्ट ने 

    गौरतलब है कि, इस बाबत कल कोर्ट ने कहा है था कि, उनकी गिरफ़्तारी कानून के अनुसार नहीं है। वहीं कोचर दंपति को 1 लाख रुपये के बॉन्ड भरने के भी जरुरी आदेश दिए गए थे। दरअसल इस मामले पर न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे (Justice Revati Mohite) और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज के चव्हाण (Justice Prithviraj K Chavan) की डिवीज़न बेंच ने कहा कि, “याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी कानून के अनुसार नहीं है और आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 41A के अनुपालन में नहीं है।”

    जानकारी दें कि बॉम्बे हाई कोर्ट ने बीते शुक्रवार को चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर की सीबीआई द्वारा कथित “अवैध गिरफ्तारी” के मुद्दे पर दायर याचिकाओं पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। वहीं बीते सोमवार को मामले पर आदेश को जारी करते हुए ICICI बैंक की पूर्व CEO चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को जमानत दे दी गई है, जिसके चलते वे आज रिहा किए गए। 

    क्या था मामला 

    मालूम हो कि, CBI ने आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन लोन फ्रॉड केस में कोचर दंपती को गिरफ्तार किया था। उसके बाद इसी मामले में वीडियोकॉन के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत को भी गिरफ्तार किया था। मामले पर एजेंसी का आरोप है कि ICICI बैंक ने वीडियोकॉन के संस्थापक वेणुगोपाल धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को बैंकिंग विनियमन अधिनियम, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के दिशानिर्देशों और बैंक की ऋण नीति का उल्लंघन करते हुए 3,250 करोड़ रुपये की ऋण सुविधाएं मंजूर की थीं।

    वहीं FIR के अनुसार, इस मंजूरी के एवज में धूत ने सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (SEPL) के माध्यम से नूपावर रिन्यूएबल्स में 64 करोड़ रुपये का निवेश किया और 2010 से 2012 के बीच हेरफेर करके पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट को SEPL स्थानांतरित की। पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट तथा एनआरएल का प्रबंधन दीपक कोचर के ही पास था।