-सूरज पांडे
मुंबई : विश्व और देश के सर्वश्रेष्ठ शैक्षणिक संस्थानों में से एक आईआईटी बॉम्बे (IIT Bombay) के कुछ विद्यार्थी (Students) और फैकल्टी (Faculty) कोविड वैक्सीन (Covid Vaccine) लेने से कतरा रहे हैं। आश्चर्य की बात यह है कि आईआईटी-बी के प्रबंधन को यह नहीं मालूम कि कितने विद्यार्थियों और फैकल्टी ने वैक्सीन (Vaccine) ली है और कितनों ने नहीं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, 24 अक्टूबर से 6 नवंबर के बीच कुल 5 विद्यार्थी कोविड से ग्रसित मिले हैं। इससे पहले भी काफी लोग कोविड से संक्रमित हुए हैं। ऐसा नहीं है कि संस्थान ने कोई सुविधा नहीं की है। कैंपस में टीकाकरण कैम्प से लेकर क्वारंटाइन सेंटर और अस्पताल भी उपलब्ध है। यह सब सुविधा होने के बावजूद कुछ विद्यार्थियों और फैकल्टी वैक्सीन लेने से कतरा रहे हैं।
कर रहे नियमों का पालन
वैक्सीन को लेकर कुछ लोगों में यह धारणा है कि उसके साइड इफेक्ट्स हैं। जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं होने की बात एक वरिष्ठ अधिकारी ने कही। आईआईटी बी के प्रबंधन ने ट्रेसिंग टीम और टॉस्क फ़ोर्स टीम का घटना भी किया है, जो इन सब बातों पर नजर रखता है। सूत्रों की माने तो अब आईआईटी-बी भी विद्यार्थियों और कर्मचारियों से उनके टीकाकरण पूर्ण होने का सर्टिफिकेट की एक प्रति मांग अपने रखेंगे। इस संदर्भ में आईआईटी-बी की प्रवक्ता फाल्गुनी बैनर्जी ने कहा कि हम केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए कोविड प्रोटोकॉल का कटिबद्धता से पालन कर रहे हैं। कुछ विद्यार्थी पॉजिटिव आए उन्हें आइसोलेट भी किया गया और उनका उपचार चालू है।
टीकाकरण को लेकर आंकड़े नहीं
आईआईटी बॉम्बे में करीब 686 फैकल्टी हैं और वर्तमान में 2000 विद्यार्थी कैंपस में हैं। आईआईटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अभी तक उन्होंने यह जानकारी नहीं इकट्ठा की है कि कितनों ने वैक्सीन ली है और कितनों नहीं।
वैक्सीन नहीं लोगे तो, हर सप्ताह टेस्ट
वैक्सीन लेना अनिवार्य नहीं है, लेकिन अपने साथ-साथ यह दूसरों को भी रिस्क में डालने वाली बात है। यदि कुछ लोग वैक्सीन नहीं लेते हैं तो भविष्य में उन्हें हर सप्ताह एंटीजन टेस्ट करवाना पड़ सकता है और इस टेस्ट का खर्च भी व्यक्ति को स्वंय उठाना पड़ सकता है।