BMC Laboratory

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    मुंबई: अभी हाल ही में हाईटेक , बनाई गई बीएमसी (BMC) की प्रयोगशाला (Laboratory) अब बीएमसी के लिए कमाई का जरिया (Source of Income) बनने जा रही है। बीएमसी विजिलेंस विभाग ने एमएमआर की सभी महानगर पालिकाओं को सामग्री की जांच करने बीएमसी प्रयोगशाला में कराने के लिए पत्र लिखा है। इससे उन महानगर पालिकाओं का समय के साथ खर्च भी बचेगा। साथ ही बीएमसी की भी आय बढ़ेगी। मुंबई में बीएमसी कई नए विकास कार्यों के साथ-साथ मरम्मत और रखरखाव के कार्य भी करती है। निर्माण कार्यों में उपयोग होने वाले सामग्री की जांच करने के लिए बीएमसी ने 1958 में प्रयोगशाला बनाया था। जहां मुख्य अभियंता (विजिलेंस) विभाग की देखरेख में कार्यों प्रयुक्त सामग्री का परीक्षण किया जाता है।

    बीएमसी सड़कें, पुल, भवन निर्माण, भवन रखरखाव/मरम्मत, मुंबई सीवेज परियोजना, सीवेज संचालन, जल अभियंता, जल आपूर्ति परियोजना, स्ट्रॉम वाटर ड्रेनेज लाइन, अस्पताल, पार्क आदि में होने वाली सामग्री की जांच यहां की जाती है। अब इस प्रयोगशाला को हाईटेक किया गया है। विभिन्न कार्यों में प्रयुक्त होने वाली सामग्री जैसे सीमेंट, मिट्टी/लोहा, बजरी, ईंट, बालू, लकड़ी, लादी, तारकोल, डामर, कंक्रीट आदि निर्माण सामग्री के नमूनों की जांच की जाती है।

    मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला बन गई 

    केंद्र सरकार के राष्ट्रीय परीक्षण प्रयोगशाला और प्रत्यायन बोर्ड (NABL) ने बीएमसी की सामग्री परीक्षण प्रयोगशाला का निरीक्षण कर राष्ट्रीय रेटिंग का दर्जे का प्रमाण पत्र दिया है। इसलिए ‘राष्ट्रीय परीक्षण और मात्रात्मक प्रयोगशाला’ (एनएबीएल) द्वारा प्रयोगशाला के रूप में मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला बन गई है। बीएमसी के ज्वाइंट कमिश्नर और विजिलेंस विभाग के प्रमुख अजित कुंभार ने बताया कि बीएमसी प्रयोगशाला में कंक्रीट गुणवत्ता निरीक्षण क्षमता बढ़ाने के लिए दो अत्याधुनिक नियंत्रित और स्वचालित मशीनें लगाई गई हैं। चूंकि ये मशीनें आटोमेटिक हैं,  इसलिए परीक्षण की गति में वृद्धि हुई है। कम से कम समय में सटीक जांच रिपोर्ट मिल जाती है।  जांच की गुणवत्ता और विश्वसनीयता भी बढ़ गई है। इस प्रकार, निकट भविष्य में कई उन्नत मशीनरी, उपकरण और प्रौद्योगिकियां परीक्षण कार्य के लिए उपलब्ध कराई जाएंगी और 150 से अधिक निर्माण सामग्री की जांच के लिए तैयार किया गया है। अजित कुंभार ने बताया कि बीएमसी प्रशासन अन्य शासकीय, अर्धशासकीय (म्हाडा, सिडको, पीडब्ल्यूडी आदि) के साथ-साथ निजी बिल्डरों, ठेकेदारों और संस्थाओं द्वारा किए गए कार्यों की सामग्री का परीक्षण बीएमसी प्रयोगशाला में करने का इच्छुक है। इससे बीएमसी की आय भी बढ़ेगी।

    ऑनलाइन मिलेगी रिपोर्ट

    कुंभारे ने कहा कि सामग्री का परीक्षण नवीनतम तकनीक का प्रयोग करते हुए पूरी तरह ऑनलाइन होगी। उसके लिए एक मोबाइल एप की व्यवस्था की जा रही है, प्रयोगशाला में परीक्षण के लिए भुगतान की जाने वाली फीस, चालान, परीक्षण रिपोर्ट आदि को ऑनलाइन किया जाएगा। इससे संबंधित को मोबाइल या ई-मेल पर कम से कम समय में सही रिपोर्ट ऑनलाइन प्राप्त हो जाएगी।

    बीएमसी की प्रयोगशाला हाईटेक होने के बाद अब प्रयोगशाला को राष्ट्रीय मानक भी प्राप्त हो गया है। इसलिए हमने एमएमआरडीए, एसआरए, म्हाडा सहित एमएमआर की महानगरपालिकाओं जैसे ठाणे, मीरा-भायंदर, वसई-विरार, कल्याण-डोंबिवली, नवी मुंबई, पनवेल, भिवंडी आदि को सामग्री के नमूनों का परीक्षण बीएमसी प्रयोगशाला में कराने के लिए पत्र लिखा हैं। इससे उनका भी फायदा होगा। आम प्रयोगशाला से कम दर पर विश्वसनीय और कम समय में रिपोर्ट प्राप्त हो जाएगी। इससे बीएमसी की भी आय बढ़ेगी।

    -अजित कुंभार, ज्वाइंट कमिश्नर, बीएमसी विजिलेंस