sugar mill corruption case
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महाराष्ट्र: हाल ही में आई बड़ी खबर के मुताबिक, राष्ट्रवादी नेता हसन मुश्रीफ को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक नया आदेश दिया है। जैसा की हम सब जानते है पिछले कई दिनों ईडी ने वित्तीय गबन के मामले में एनसीपी नेता और पूर्व मंत्री हसन मुश्रीफ के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। लेकिन इस मामले में मुश्रीफ को पहले ही राहत मिल चुकी है, तो कार्रवाई क्यों? यह सवाल बॉम्बे सेशंस कोर्ट ने ईडी को किया है और फटकार लगाई है। साथ ही ईडी को 2 सप्ताह तक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है। 

राहत मिलने पर भी कार्रवाही… 

जानकारी के लिए आपको बता दें कि ईडी की कार्रवाई के खिलाफ हसन मुश्रीफ ने कोर्ट में याचिका दायर की है। ऐसे में फिर आज एक बार फिर मुश्रीफ की याचिका पर सुनवाई हुई। इस बार इस मुख्य मामले में अदालत से राहत मिलने के दूसरे दिन ईडी ने छापेमारी शुरू की। ऐसे में अब मुश्रीफ ने बताया कि वह फिलहाल विधायक के तौर पर विधानसभा में व्यस्त हैं। 

मुश्रीफ की ओर से  आबाद पोंडा ने दी दलील 

इस मामले में अगर ईडी की जांच मुख्य मामले पर निर्भर है, अगर आरोपी को राहत दी गई है, तो फिर ईडी कैसे कार्रवाई कर सकती है? बॉम्बे हाई कोर्ट ने ईडी से यह सवाल पूछा। इस पर ईडी की ओर से अनिल सिंह ने कहा कि ईडी के पास वित्तीय अनियमितताओं के मामलों की जांच करने का पूरा अधिकार है। ईडी का मामला और जांच मूल जांच से अलग है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने हसन मुश्रीफ को उच्च न्यायालय से अंतरिम राहत दी है। 

कोर्ट का नया आदेश 

ऐसे में दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद ईडी के मामले में उन्हें गिरफ्तारी के लिए आगे नहीं बढ़ने का निर्देश दिया गया है। अगले दो सप्ताह का समय भी दिया गया है। सत्र न्यायालय की विशेष अदालत ने उच्च न्यायालय को इस अर्जी पर तत्काल सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया है। अपराध रद्द करने की याचिका पर सुनवाई फिलहाल के लिए स्थगित कर दी गई है। ऐसे में अब फ़िलहाल राष्ट्रवादी नेता मुश्रीफ को राहत मिली है।