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    -अनिल चौहान

    भायंदर: नया साल मीरा-भायंदर (Mira-Bhayandar) के लिए खर्चे का बड़ा बोझ लेकर आया हुआ है। नया रास्ता कर के बाद मीरा-भायंदर महानगरपालिका (Mira-Bhayander Municipal Corporation) ने अपने सामुदायिक हॉल, उद्यान, खाली जगहों और खेल मैदान का किराया (Rent) दोगुना बढ़ा दिया है। जिससे सामुदायिक हॉल में शादी-ब्याह, बर्थडे आदि का आयोजन करना काफी महंगा हो गया है। अपनी खाली तिजोरी भरने के लिए मीरा-भायंदर महानगरपालिका आमदनी के नए-नए उपाय ढूंढ़ रही है, लेकिन फिजूलखर्ची रोकने और पूर्ववर्ती करों की 100 फीसदी वसूली पर जोर नहीं डाल रही है।

    अब सामुदायिक हॉल, उद्यान, सुविधा भूखंड, खाली जगह, खेल मैदान, रास्तों पर पूजा पंडाल का किराया 25 फीसदी से लेकर 100 फीसदी तक बढ़ाने का निर्णय प्रशासकीय बैठक में किया गया है। यहां तक की हॉल की कुर्सी तक का भाड़ा दोगुना कर दिया गया है। प्रति कुर्सी पांच रुपए के बजाय अब 10 रुपए आपको देना पड़ेगा।

    देना होगा छोटे सामुदायिक हॉल का इतना किराया

    सूत्रों के मुताबिक, 500 वर्ग फीट तक के छोटे सामुदायिक हॉल का भाड़ा 1,500 की जगह 3,000 रुपए और 500 वर्ग फीट के ऊपर के बड़े सामुदायिक हॉल का किराया 3,000 से बढ़ाकर 6,000 रुपए कर दिया गया है। भायंदर पश्चिम के नगर भवन में एसी हॉल का भाड़ा 10,000 से बढ़ाकर 12,000 और नॉन एसी का किराया 7,000 रुपए से बढ़ाकर 10,000 कर दिया गया है। इसके अलावा ओपन टेरेस का किराया भी डबल कर दिया गया है। इसके लिए अब आपको अब 10,000 रुपए चुकाना पड़ेगा। 

    खेल-कूद भी हुआ महंगा

    खेल मैदान की क्रिकेट पट्टी के लिए प्रति घंटा 100 रुपए के बजाए अब 500 रुपए प्रति दो घन्टा देना पड़ेगा। शैक्षणिक कार्यक्रम करने के लिए विद्यालयों को 3,000 के बजाय 5,000 और आम जनता को खेल, धार्मिक, आजादी का महोत्सव और सामाजिक आयोजन के लिए क्रमशः 3,000 की जगह 5,000 और 5,000 की जगह 10,000 रुपए खर्च करने होंगे।

    पूजा पंडाल का किराये भी हुआ इजाफा

    शादी-ब्याह, खेल-कूद के अलावा भगवान के भक्तों को भी मीरा-भायंदर महानगरपालिका प्रशासन ने जबरदस्त झटका दिया है। सड़क आदि जगहों पर पूजा मंडप और गेट का भाड़ा पांच से सात गुना तक बढ़ा दिया गया है। पूजा पंडाल के लिए एक रुपए प्रति वर्ग फीट की जगह अब पांच रुपए प्रति वर्ग फीट लिया जाएगा। व्यावसायिक प्रयोजन के लिए मंडप पांच रुपए प्रति वर्ग फीट की जगह 10 रुपए प्रति वर्ग फीट भाड़ा लोगों को देना होगा। इसी तरह गेट (धार्मिक और शैक्षणिक प्रयोजन) का 1,000 की जगह 5,000 और अन्य प्रयोजन के लिए 3,000 की जगह 10,000 रुपए प्रति गेट देना पड़ेगा।