Mumbai Metro-3 station

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    मुंबई: मुंबई की पहली भूमिगत मेट्रो (Mumbai First Underground Metro) का निर्माण कार्य फास्ट ट्रैक पर शुरू है। मेट्रो (Metro) की टनलिंग का शत-प्रतिशत काम हो गया है। सिविल वर्क कंप्लीट होने के साथ कई भूमिगत स्टेशन तेजी से आकार ले रहे हैं। इनमें ऐतिहासिक सीएसएमटी (CSMT) के पास मेट्रो-3 (Metro-3) का अंडरग्राउंड सीएसएम स्टेशन बन रहा है। मुंबई सेन्ट्रल, विधानभवन स्टेशनों का काम भी अंतिम चरण में है।

    बताया गया कि मेट्रो-3 के भुमिगत स्टेशनों का निर्माण कट एंड कवर पद्धति से किया जा रहा है। यह काम मुंबई की विरासत कहे जाने वाले सीएसएमटी और बीएमसी की इमारत के पास हो रहा है। अंडरग्राउंड मेट्रो-3 का निर्माण न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (एनएटीम) तकनीक से किया जा रहा है। इसमें सुरंग कार्य के साथ कट एंड कवर मेथेडोलॉजी अपनाई गई है। इसके अलावा सबसे व्यस्त इलाके कालबादेवी में मेट्रो स्टेशन का निर्माण किया जा रहा है। ये क्षेत्र अत्यंत संकरे और ऊपर ट्रैफिक होने के कारण भूमिगत स्टेशन बनाना बड़ी चुनौती का कार्य  है। सीएसएमटी, कालबादेवी के साथ कफ परेड, विधानभवन, चर्चगेट और हुतात्मा चौक स्टेशन का काम तेजी से शुरू है।

    प्रोजेक्ट का 77 प्रतिशत काम पूरा

    एमएमआरसीएल के अनुसार, मेट्रो-3 प्रोजेक्ट का लगभग 77 प्रतिशत काम हो गया है। सीप्ज, सिद्धिविनायक और एमआयडीसी स्टेशनों पर ट्रैक बिछाने का काम हो चुका है। मेट्रो-3 के अंडरग्राउंड स्टेशनों पर ट्रैक बिछाने के लिए लो वाइब्रेंट टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा रहा है, ताकि मेट्रो चलते समय भूमिगत स्टेशनों और ऊपर रोड पर भी पर भी कंपन न हो।

    2024 तक शुरु करने का लक्ष्य

    एमडी अश्विनी भिडे के अनुसार, सबसे चुनौतीपूर्ण  टनलिंग का काम पूरा होने के बाद स्टेशनों का काम तेजी से चल रहा है। पैकेज-3 में मुंबई सेंट्रल, महालक्ष्मी, विज्ञान संग्रहालय, आचार्य अत्रे चौक और वर्ली मेट्रो स्टेशन शामिल हैं। लाइन बिछाने का काम चल रहा है। 2024 तक आरे में कारशेड बनाने के साथ इस मेट्रो को शुरू करने की योजना है।

    भूमिगत मेट्रो के बारे में

    • कोलाबा-बांद्रा-सीप्ज तक लगभग 33.50 किमी लंबी मुंबई की पहली अंडर ग्राउंड मेट्रो-3 है।
    •  मेट्रो मार्ग पर कुल 27 स्टेशन हैं, इनमें 26 स्टेशन अंडर ग्राउंड तथा 1 जमीन के ऊपर।
    • इस मेट्रो परियोजना की लागत लगभग 34 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच गई है।
    • यह मेट्रो लाइन वेस्टर्न और सेंट्रल रेल लाइन से कनेक्टिविटी का काम करेगी।
    • अंडरग्राउंड होने के कारण मुंबई को ट्रैफिक से निजात मिल सकेगी।