Mumbai Metro-3

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    मुंबई: मुंबई (Mumbai) की पहली भूमिगत मेट्रो (First Underground Metro) का काम अब फ़ास्ट ट्रैक (Fast Track) पर चल रहा है। मेट्रो-3 परियोजना (Metro-3 Project) के लिए आरे में ही कारशेड बनाए जाने के लिए लगी रोक को शिंदे सरकार ने हटा दिया है। इस बीच कुलाबा-बांद्रा से सीपज्ड तक बन रही  भूमिगत मेट्रो की टनलिंग का काम लगभग पूरा हो गया है। 

    मेट्रो का निर्माण कर रही एमएमआरसीएल की एमडी अश्विनी भिड़े के अनुसार, मेट्रो-3 के काम को गति मिल रही है। ट्रैक के साथ ओवरहेड का काम भी एडवांस स्टेज में है। रोड पर आवागमन में परेशानी न हो इसे ध्यान में रख कर भूमिगत ट्रैक का काम किया जा रहा है।

    एलवीटी तकनीक

    उल्लेखनीय है कि मेट्रो-3 के अंडरग्राउंड स्टेशनों पर ट्रैक बिछाने का काम शुरू है। इसके लिए लो वाइब्रेंट टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा रहा है, ताकि मेट्रो चलते समय भूमिगत स्टेशनों और ऊपर रोड पर भी पर भी कंपन न हो। इसके लिए आम रेल ट्रैक की बजाय अलग लेयर वाली पटरी बिछाई जा रही है। एमएमआरसी के अनुसार, सीप्ज, सिद्धिविनायक और एमआयडीसी स्टेशनों पर शत-प्रतिशत ट्रैक बिछाने का काम हो चुका है। मुंबई सेन्ट्रल, विधान भवन स्टेशनों का काम भी अंतिम चरण में है।

    32 प्रतिशत ट्रैक का काम पूर्ण

    कोलाबा-बांद्रा-सीपज्ड तक लगभग 33.50 किमी लंबी अंडर ग्राउंड मेट्रो के पुरे रूट हुतात्मा पर लगभग 32 प्रतिशत ट्रैक बिछाने का काम पूरा हो चुका है। हुतात्मा चौक-सीएसएमटी स्टेशन का काफी काम हो चुका है। टनलिंग का काम पूरा होने के बाद स्टेशन, प्लेटफार्म और कॉनकोर्स लेवल अथार्थ टिकट घर के साथ स्टेशन के छत का काम भी तेजी से शुरू है।

    एक्शन मोड में अश्विनी भिड़े 

    राज्य सरकार ने मेट्रो-3 का निर्माण कर रही एमएमआरसीएल के एमडी पद का अतिरिक्त कार्यभार अश्विनी भिड़े को दे दिया है। वरिष्ठ आईएएस भिड़े मेट्रो-3 के काम को लेकर एक्शन मोड पर आ गई हैं। गौरतलब है कि मेट्रो-3 के लिए आरे में कारशेड बनाए जाने की जिम्मेदारी देवेंद्र सरकार के समय में अश्विनी भिड़े को ही दी गई थी। सरकार बदलने के साथ एक बार फिर एमएमआरसी की जिम्मेदारी अश्विनी भिड़े को दे दी गई है।

    3 रेक रेडी

    वैसे मेट्रो-3 परियोजना में काफी देरी हो गई है। मुंबई की पहली अंडर ग्राउंड मेट्रो को दो चरणों में शुरू किए जाने की योजना है। मेट्रो के 3 रेक भी तैयार हैं। पहले चरण का ट्रायल अगले वर्ष तक शुरू करने का लक्ष्य है, जबकि बीकेसी से कफ परेड तक वर्ष 2024 में खोले जाने का उद्देश्य है।

    मेट्रो-3 के बारे में

    • कोलाबा-बांद्रा-सीपज्ड तक लगभग 33.50 किमी लंबी मुंबई की यह पहली अंडर ग्राउंड मेट्रो।
    •  मेट्रो मार्ग पर कुल 27 स्टेशन हैं, इनमें 26 स्टेशन अंडर ग्राउंड और 1 स्टेशन जमीन के ऊपर।
    • इस मेट्रो परियोजना की लागत लगभग 33 हजार करोड़ है।
    • यह मेट्रो लाइन वेस्टर्न को सेंट्रल लाइन से सीधे जोड़ेगी।