Mumbai is the 5th most congested city in the world in 2021, this city is on top
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    मुंबई: देश (India) की आर्थिक राजधानी (Financial Capital) कही जाने वाली मुंबई (Mumbai) साल 2021 में सबसे अधिक कंजेस्टेड शहर (Congested Cities) रहा। 58 देशों के 404 शहरों के अध्ययन पर आधारित नवीनतम टॉमटॉम ट्रैफिक इंडेक्स (TomTom Traffic Index) के अनुसार, वर्ष 2021 में मुंबई भारत का सबसे अधिक और दुनिया का पांचवां सबसे भीड़भाड़ वाला शहर था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक साल पहले मास्को के बाद महानगर दुनिया का दूसरा सबसे भीड़भाड़ वाला शहर था। टॉमटॉम ट्रैफिक इंडेक्स के टॉप 25 शहरों की लिस्ट में इस्तांबुल सूची में सबसे ऊपर है, उसके बाद मास्को है।

    बता दें कि, टॉमटॉम सरकारों को उनकी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की योजना बनाने और अधिक सार्वजनिक परिवहन योजनाओं को शुरू करने में सहायता करने के लिए वास्तविक समय यातायात प्रबंधन और ऐतिहासिक यातायात भीड़ डेटा प्रदान करता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, वर्ष 2021 में मुंबई में भीड़भाड़ का स्तर 53% था, इसके बाद बेंगलुरु और नई दिल्ली (48%) और पुणे (42%) स्थान पर रहा। COVID-19 से पहले के वर्षों की तुलना में 2021 में पीक ट्रैफिक में 22% की कमी आई थी।

    यहां देखें डिटेल्ड रिपोर्ट 

    https://www.tomtom.com/en_gb/traffic-index/ranking/

    वैसे 50% भीड़भाड़ के स्तर का मतलब है कि बेसलाइन भीड़भाड़ वाली स्थितियों की तुलना में औसतन यात्रा का समय 50% अधिक था। इससे पता चलता है कि फ्री-फ्लो की स्थिति में 30 मिनट की ड्राइव के लिए 50℅ अधिक समय की आवश्यकता होगी या समान दूरी की यात्रा के लिए 15 मिनट की आवश्यकता होगी जब भीड़ 50℅ पर हो।

    टॉमटॉम साल में 365 दिन का पूरे रोड नेटवर्क पर सभी वाहनों के फ्री-फ्लो ट्रैवल टाइम का अध्ययन करके प्रति शहर बेसलाइन की गणना करता है। इंडेक्स के अनुसार, मुंबई का सबसे ज़्यादा खराब ट्रेफिक स्तिथि का दिन 21 अगस्त 2021 को था जब तीन धार्मिक उत्सव एक साथ मनाए जा रहे थे।

    एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, टॉमटॉम के रणनीतिक ऑटोमोटिव बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर सचिन त्यागी ने कहा कि, वर्क पैटर्न में बदलाव 2021 में और मजबूत हुआ। उन्होंने कहा, होम ऑफिस कई कंपनियों के लिए एक मानक बन रहा है। टेलीकांफ्रेंस ने फिज़िकल मीटिंग्स की जगह ले ली है और लचीले काम के घंटों ने कई यात्रियों को भीड़ के पीक आवर से बचने में मदद की है। नतीजतन दुनिया भर के लगभग 40% शहरों में पीक आवर्स शिफ्ट हो गए हैं।