मुंबई: महाराष्ट्र में बीजेपी के सीनियर लीडर और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (Narayan Rane) को मुंबई हाई कोर्ट से मंगलवार को बड़ी राहत मिली। मुंबई हाई कोर्ट (Mumbai High Court) ने निर्देश दिया कि फिलहाल नारायण राणे को भेजे गए बीएमसी (BMC) के नोटिस (Notice) पर कार्रवाई नहीं की जाए। मुंबई के जुहू स्थित अधीश बंगले में अनधिकृत निर्माण के मामले में नारायण राणे को मुंबई महानगरपालिका की ओर से तीसरी बार नोटिस भेजा गया था। उन्हें 15 दिनों की मोहलत दी गई थी।
नोटिस भेजकर उन्हें कहा गया था कि या तो वे इन पंद्रह दिनों में अवैध निर्माण को खुद गिराएं या बीएमसी गिरवाएगी। अगर बीएमसी ने गिरवाया तो खर्च नारायण राणे से ही वसूल किया जाएगा। इसके बाद नारायण राणे मुंबई हाईकोर्ट की शरण में चले गए थे। मुंबई हाईकोर्ट ने आज यह आदेश दिया कि फिलहाल नारायण राणे के बंगले से संबंधित नोटिस पर कार्रवाई नहीं की जाए।
नोटिस मौलिक अधिकारों का उल्लंघन
नारायण राणे ने कोर्ट से कहा था कि उनके बंगले को भेजा गया नोटिस गैरकानूनी है और ऐसा करके उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया गया है। कोर्ट द्वारा दी गई इस राहत के बाद नारायण राणे के बेटे और बीजेपी विधायक नीतेश राणे ने कहा कि मुंबई में बाकी सब ठीक-ठाक है? सड़कें अच्छी हैं। पानी चौबीस घंटे आ रहा है? मुंबई बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह चहल के फोन पर बार-बार किसी नेता का फोन आया करता था और कहा जाता था कि किसी तरह से राणे के घर पर कार्रवाई की जाए। बीएमसी और शिवसेना के पास बस यही काम बचा है। राणे के घर क्या चल रहा है? किरीट सोमैया किसके साथ चाय पी रहे हैं? मोहित कंबोज कौन सा शर्ट पहन रहे हैं? बीएमसी का पूरा ध्यान इन्हीं 2-3 लोगों पर है।
ठाकरे के बंगले पर चुप्पी क्यों ?
नीतेश राणे ने कहा कि जो-जो राज्य सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलता है। ये सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करती है। आज मातोश्री (मुख्यमंत्री का निजी बंगला) बंगले में साउंड प्रूफ वॉल तैयार किया गया है। आगे और पीछे से एंट्रेंस की सुविधा दी गई है। मातोश्री में कई सारे अनधिकृत निर्माण किए गए हैं। उन्हें बाद में रेगुलराइज कर दिया गया है। इस पर कोई क्यों नहीं बोलता। ठाकरे सरकार अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल कर रही है।