NCP Spokesperson Mahesh Tapase

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    मुंबई: मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) से उम्मीद की जा रही थी कि पैठण (Paithan) की सभा में वे मराठवाड़ा के विकास (Development of Marathwada) को लेकर अपने विजन की बात करेंगे,  लेकिन इसके बजाय मुख्यमंत्री, शिवसेना में बगावत और राज्य में सत्ता परिवर्तन को सही ठहराने को ज्यादा महत्व देते हुए इसके महिमा मंडन में जुटे रहे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता महेश तपासे (Mahesh Tapase) ने शिंदे सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस तरह से राज्य में सत्ता परिवर्तन को अंजाम दिया गया है, उसे अब तक संवैधानिक मान्यता नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से संवैधानिक मान्यता मिलने तक शिंदे सरकार असंवैधानिक है।

    तपासे ने कहा कि पैठण की सभा में मुख्यमंत्री शिंदे मराठवाड़ा के विकास के रोडमैप पर बात करने की जगह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता  अजीत पवार, जयंत पाटिल और सुप्रिया सुले की आलोचना में जुटे रहे। इससे जाहिर होता है कि मुख्यमंत्री राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेताओं की कड़ी आलोचना से दबाव में है, जिसमें कहा गया है कि शिंदे सरकार, महाविकास आघाडी सरकार द्वारा विकास के लिए सेट किए गए मापदंड से काफी पीछे चल रही है। 

    पेड़े और लडडू की लूट क्या बताती है?

    महेश तपासे  ने कहा कि यह बेहद दुखद है कि  मुख्यमंत्री की सभा में भीड़ जुटाने के लिए पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। वहीं सभा  में जिस तरह पेड़े और लडडू की लूट हुई है, उससे पता चलता है कि इस तरह की हरकत भाड़े से जुटाई गई भीड़ ही कर सकती है। 

    आगामी चुनाव में शिंदे गुट के विधायकों की होगी हार

    तपासे ने कहा कि पूरी सभा के दौरान मुख्यमंत्री तथ्यों के आधार पर यह समझाने की कोशिश करते रहे कि कैसे बग़ावत का फैसला सही था,  लेकिन लोग इससे सहमत नहीं हैं। उन्होंने दावा किया कि जिस तरह से महाविकास आघाडी सरकार को गिराने के लिए सीएम शिंदे ने कदम उठाए है, उसके आधार पर राज्य के लोग आगामी चुनाव में शिंदे गुट के 50 विधायकों में से 45 को हराने जा रहे हैं।