300 New Cases of Covid-19 in Kerala
Covid-19

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    मुंबई: कोरोना (Corona) से ग्रसित हो रहे मुंबईकरों (Mumbaikars)का कष्ट कम होता जा रहा है। तीसरी लहर (Third Wave) में बहुत जिस रफ्तार से लोग संक्रमित (Infected) हो रहे थे, अब उसी प्रकार से ठीक हो कर घर भी लौट रहे हैं। पिछले 10 दिनों में एक्टिव कोरोना मरीजों (Active Corona Patients) की संख्या में 58 फीसदी कम हुए हैं। शहर के डॉक्टरों की माने तो वायरस फैला तेजी से, लेकिन 3 से 4 दिन में लोग ठीक भी हो गए।

    तीसरी लहर के दौरान 9 जनवरी को मुंबई में एक्टिव मरीजों की संख्या 1 लाख 17 हजार 473 तक पहुंच गई थी, लेकिन एक्टिव मरीजों की संख्या 5 हजार के  नीचे आ गई है। 1 फरवरी को मुंबई में एक्टिव मरीजों की संख्या 8,888 थी, जो 10 फरवरी को कम हो कर 3698 तक पहुंच गई है। यानी महज दस दिन में एक्टिव मरीजों की संख्या आधी हो गई है।

    और भी कम होगी मरीजों की संख्या

    बीएमसी की उपकार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दक्षा शाह ने बताया कि कोविड की तीसरी लहर चली गई है, नए केसेस कम तो एक्टिव केसेस में गिरावट होना भी लाजमी है। काफी लोग बिना लक्षण के थे और जिन्हे सौम्य लक्षण थे, वो भी 3 दिन में रिकवर हो रहे हैं, जबकि दूसरी लहर में लोगों के रिकवरी थोड़ा अधिक समय लग रहा था। आने वाले दिनों में एक्टिव मरीजों की संख्या और भी कम होगी।

    1 महीने में 96 % गिरा आंकड़ा

    एक महीने में शहर के एक्टिव कोविड मरीजों की संख्या में 96 फीसदी की गिरावट हुई है। 9 जनवरी को मुंबई में 1 लाख 17 हजार 473 एक्टिव मरीज थे, लेकिन 10 फरवरी तक यह संख्या 3698 तक पहुंच गई। यानी रोजाना औसतन 3793 मरीज कोविड से रिकवर हुए हैं।

    कोविड केंद्र और अस्पताल भी खाली

    मुंबई के कोविड केंद्रों और अस्पतालों में 96 फीसदी बेड्स रिक्त पड़े हैं। बीएमसी के कई डॉक्टरों ने बताया कि कोविड मरीजों का लोड काफी कम हो गया है। अब हमें नॉन कोविड मरीजों पर फोकस करने की आवश्यकता है।

    तीसरी लहर में काफी मरीज होम क्वारंटाइन थे उनमें बीमारी के सौम्य लक्षण थे, हमने उन्हें ऑनलाइन कंसल्ट के जरिए ठीक किया। अस्पताल में लगभग 20 मरीज होंगे। आईसीयू के लिए भी डिमांड अब पहले जैसी नहीं। सौम्य लक्षण वाले मरीज जल्दी रिकवर हुए हैं, लेकिन आईसीयू के मरीज भी दूसरी लहर की तुलना में जल्द ठीक हुए हैं। अस्पताल में बुजुर्गों और अन्य बीमारी से जूझ रहे कोविड मरीज ही भर्ती हुए।

    -डॉ. राहुल तांबे, इंटरनल मेडिसिन, नानावटी अस्पताल