Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को रद्द किया और मामले को दोबारा ट्रायल कोर्ट भेजा। File Photo

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नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने एंटीलिया के बाहर लावारिस खड़े एक वाहन से विस्फोटक बरामद (Antilia Bomb Case) किये जाने तथा कारोबारी मनसुख हिरन की हत्या के मामले में गिरफ्तार पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा (Pradeep Sharma) को सोमवार को तीन सप्ताह की अंतरिम जमानत दे दी। न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस एवं न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की अवकाशकालीन पीठ ने शर्मा की पत्नी की सर्जरी होने संबंधी दलीलों का संज्ञान लेते हुए याचिकाकर्ता को यह राहत दी।

शीर्ष अदालत ने कहा कि शर्मा को निचली अदालत की शर्तों पर अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाए। पीठ ने कहा, ‘‘छब्बीस जून, 2023 के लिए मामला सूचीबद्ध करें। उस दिन याचिकाकर्ता की ओर से चिकित्सकीय रिपोर्ट दाखिल किया जाएगा, जिसमें उसकी पत्नी के उपचार की स्थिति का जिक्र होगा।”

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने जमानत का विरोध किया। इससे पहले अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू ने दलील दी थी कि शर्मा हस्तक्षेप याचिका दाखिल किए बिना ही अंतरिम जमानत का अनुरोध कर रहे हैं। शर्मा के वकील ने मानवीय आधार पर अंतरिम जमानत का अनुरोध किया था और कहा था कि याचिकाकर्ता की पत्नी की एक सर्जरी हुई है, जिसके बाद समस्याएं और बढ़ गई हैं।

वकील ने दावा किया था कि हर गुजरते दिन के साथ शर्मा की पत्नी की हालत खराब हो रही है और शर्मा उनकी देखभाल के लिए जमानत का अनुरोध कर रहे हैं। शीर्ष अदालत ने 18 मई को शर्मा की उस याचिका पर नोटिस जारी किया था, जिसमें उन्होंने जमानत देने से इनकार संबंधी बंबई उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी थी। गौरतलब है कि 25 फरवरी, 2021 को अंबानी के आवास एंटीलिया के पास विस्फोटक से भरा एक वाहन मिला था और उसका मालिक मनसुख हिरन पांच मार्च 2021 को ठाणे के नजदीक मृत पाया गया था। (एजेंसी)