– पंजीकृत किए जा रहे सभी मजदूर
– थर्मल जांच के बाद होम क्वारंटाइन
मुंबई. वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से केंद्र सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन घोषित किया था. उद्योग, व्यापार ठप हो जाने के बाद लाखों की संख्या में परप्रांतीय मजदूर अपने-अपने गांवों की तरफ कूच कर गए थे.मजदूरों की घर वापसी को लेकर राजनीति भी चरम पर पहुंच गयी थी.अब लॉकडाउन शिथिल किए जाने के बाद राज्य में उद्योग, व्यवसाय धीरे-धीरे शुरु होने लगा है.जिससे परप्रांतीय मजदूर वापस आने लगे हैं.गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा है कि राज्य में आने वाले मजदूरों का नाम पता सही ढंग से पंजीकृत किया जा रहा है,एवं उनकी थर्मल जांच की जा रही है.
मजदूरों का लेखा जोखा रखा जा रहा
गृहमंत्री देशमुख के मुताबिक परप्रांतीय मजदूर बड़ी संख्या में वापस आ रहे हैं. मुंबई, पुणे, ठाणे, नवी मुंबई, रायगड सहित राज्य के दूसरे हिस्सों में हर रोज लगभग 15 हजार 500 परप्रांतीय मजदूर आ रहे हैं. संबंधित राज्यों की तरफ से मजदूरों की सूची हमारे पास भेजी जा रही है.जिसके तहत प्रत्येक मजदूरों का लेखा जोखा रखा जा रहा है. थर्मल जांच की जा रही है उसके बाद उनके हाथ पर होम क्वारंटाइन का ठप्पा लगाकर उनके रहने वाले स्थान पर होम क्वारंटाइन के लिए भेजा जा रहा है. मुंबई में बेस्ट बसों के जरिये उन्हें भेजने की व्यवस्था की गई है.
राज्य में आने वाले मजदूरों की संख्या बढ़ेगी
बताया गया है कि राज्य के गोंदिया, नंदुरबार, कोल्हापुर, नागपुर, पुणे जैसे शहरों में लगभग 4 से 5 हजार तो मुंबई ठाणे नवी मुंबई में 11 से 11 हजार 500 परप्रांतीय मजदूर हर रोज आ रहे हैं. फिलहाल ट्रेनों की संख्या कम है, लेकिन उद्योग व्यवसाय पहले की तरह शुरु होने के बाद राज्य में आने वाले मजदूरों की संख्या बढ़ेगी. उस समय विशेष एहतियात बरतने की जरुरत होगी.