मुंबई: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के पूर्व जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) को जाति प्रमाण पत्र (Caste Certificate) जांच समिति ने कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) जारी कर पूछा है कि क्यों न उनके जाति प्रमाण पत्र को रद्द कर दिया जाए? समीर ने इसे बांबे हाईकोर्ट (Bombay High Court) में चुनौती दी है।
मुंबई जिला जाति प्रमाण पत्र जांच समिति ने समीर वानखेड़े को नोटिस जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि शिकायतों और दस्तावेजों के अवलोकन से साबित होता है कि वह (वानखेड़े) मुस्लिम धर्म से संबंधित है। समीर वानखेड़े को दिए कारण बताओ नोटिस में उनसे सवाल किया गया है कि उनका जाति प्रमाण पत्र क्यों नहीं रद्द कर दिया जाए।
महार समुदाय का होने का दावा
वानखेड़े ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में दावा किया कि यह नोटिस अवैध है। उन्हें अपना बचाव करने का अवसर दिए बिना जारी की गई है। उन्होंने दोहराया कि वह महार समुदाय से हैं, जिसे अनुसूचित जाति (एससी) के रूप में मान्यता प्राप्त है और उन्होंने जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करते समय न तो कोई झूठी जानकारी दी थी और न ही कोई गलत दस्तावेज दाखिल किया था।