Court rejects bail plea of Girish Chaudhary, son-in-law of NCP leader Eknath Khadse
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    मुंबई: राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता एकनाथ खडसे (Eknath Khadse) को बड़ा झटका दिया है। खड़से की पत्नी की अध्यक्षता वाली जलगांव जिला दुग्ध सहकारी संस्था ( Jalgaon District Milk Cooperative Society Board) में कथित रुप से हुई अनियमितता और भ्रष्टाचार (Corruption) की जांच के लिए सरकार की तरफ से कमेटी गठित की गई है। साथ ही वर्तमान निदेशक मंडल को बर्खास्त कर प्रशासक नियुक्त किया गया है। 

    जिला दुग्ध संघ के पूर्व सुरक्षा अधिकारी नागराज पाटिल ने जिला दुग्ध सहकारी संस्था में बड़े पैमाने पर अनियमितता और भ्रष्टाचार की शिकायत सरकार से की थी। शिकायतकर्ता नागराज पाटिल ने कहा कि राज्य की महाविकास अघाड़ी सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया था, लेकिन अब राज्य में नई सरकार गठित होने के बाद मामले को संज्ञान में लेकर कार्रवाई शुरु की गयी है। 

    बढ़ सकती हैं एकनाथ खडसे की मुश्किलें 

    जलगांव जिले में एकमेव जिला दुग्ध संघ पर एनसीपी नेता एकनाथ खडसे का वर्चस्व रहा है। पूर्व सुरक्षा अधिकारी नागराज पाटिल की शिकायत पर सरकार ने कुप्रबंधन की जांच के लिए एक समिति नियुक्त की है। सरकार के इस निर्णय को खड़से के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि इससे एकनाथ खडसे की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।

    राजनीतिक षडयंत्र का आरोप लगाया

    शिंदे सरकार की तरफ से जांच समिति का गठन किए जाने और निदेशक मंडल को बर्खास्त किए जाने पर एनसीपी नेता एकनाथराव खडसे ने  राजनीतिक षडयंत्र का आरोप लगाया है। उन्होंने यह भी कहा कि दुग्ध संघ के मामलों में एक रुपए का भी भ्रष्टाचार नहीं है, यदि ऐसा है तो मैं खुद मांग करूंगा कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। खडसे ने कहा कि निदेशक मंडल को बर्खास्त करने और जांच समिति नियुक्त करने के तुरंत बाद प्रशासक नियुक्त करने में काफी राजनीति होती है।