नवभारत न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई: राज्य में महायुती की तरह ही आघाड़ी में भी सीट बंटवारे को लेकर अभी भी खींचतान चल रही है। इंडिया एलायंस के बीच सीटों के नंबर पर ही नहीं बल्कि सीट शेयरिंग फ़ॉर्मूले को लेकर भी विवाद है। मुंबई को अपना गढ़ मानने वाली यूबीटी द्वारा कांग्रेस को कमजोर सीट ऑफर किए जाने से भी नाराजगी के स्वर उभर रहे हैं। पता चला है कि आर्थिक राजधानी मुंबई की 6 सीटों में शिवसेना यूबीटी ने कांग्रेस को मात्र 2 सीट का ऑफ़र दिया है। इनमें उत्तर मुंबई और उत्तर पूर्व मुंबई लोकसभा सीट है। वैसे इन दोनों सीटों पर बीजेपी गठबंधन के मुकाबले कांग्रेस काफी कमजोर बताई जाती है।
मुंबई: राज्य में महायुती की तरह ही आघाड़ी में भी सीट बंटवारे को लेकर अभी भी खींचतान चल रही है। इंडिया एलायंस के बीच सीटों के नंबर पर ही नहीं बल्कि सीट शेयरिंग फ़ॉर्मूले को लेकर भी विवाद है। मुंबई को अपना गढ़ मानने वाली यूबीटी द्वारा कांग्रेस को कमजोर सीट ऑफर किए जाने से भी नाराजगी के स्वर उभर रहे हैं। पता चला है कि आर्थिक राजधानी मुंबई की 6 सीटों में शिवसेना यूबीटी ने कांग्रेस को मात्र 2 सीट का ऑफ़र दिया है। इनमें उत्तर मुंबई और उत्तर पूर्व मुंबई लोकसभा सीट है। वैसे इन दोनों सीटों पर बीजेपी गठबंधन के मुकाबले कांग्रेस काफी कमजोर बताई जाती है।
जीतने का चांस कम
चर्चा है कि मुंबई में यूबीटी जो 2 सीटें कांग्रेस को दे रही है, उन पर जीत की संभावना काफी कम है। इससे कांग्रेस नाराज है। बताया गया कि कांग्रेस ये सीटें लेने के लिए तैयार नहीं है। कांग्रेस को दी जा रही मुंबई की दूसरी उत्तर-पूर्व सीट पर तो कांग्रेस के पास कोई उम्मीदवार ही नहीं है। वहीं उत्तर मुंबई सीट जहां बड़ी संख्या में गुजराती और राजस्थानी, हिंदी भाषी समाज है, जिसे भाजपा का मतदाता माना जा रहा है। यहां पिछले कई चुनाव से कांग्रेस हारती रही है। तीसरे विकल्प के रूप में मुंबई उत्तर मध्य सीट का भी प्रस्ताव है, जहां कांग्रेस पारंपरिक रूप से चुनाव लड़ती रही है, लेकिन पिछले दो चुनावों में हार गई थी।
चर्चा है कि मुंबई में यूबीटी जो 2 सीटें कांग्रेस को दे रही है, उन पर जीत की संभावना काफी कम है। इससे कांग्रेस नाराज है। बताया गया कि कांग्रेस ये सीटें लेने के लिए तैयार नहीं है। कांग्रेस को दी जा रही मुंबई की दूसरी उत्तर-पूर्व सीट पर तो कांग्रेस के पास कोई उम्मीदवार ही नहीं है। वहीं उत्तर मुंबई सीट जहां बड़ी संख्या में गुजराती और राजस्थानी, हिंदी भाषी समाज है, जिसे भाजपा का मतदाता माना जा रहा है। यहां पिछले कई चुनाव से कांग्रेस हारती रही है। तीसरे विकल्प के रूप में मुंबई उत्तर मध्य सीट का भी प्रस्ताव है, जहां कांग्रेस पारंपरिक रूप से चुनाव लड़ती रही है, लेकिन पिछले दो चुनावों में हार गई थी।
दक्षिण मध्य सीट पर दावा
वैसे कांग्रेस मुंबई साउथ सेंट्रल सीट की मांग कर रही है। इस सीट पर मुंबई कांग्रेस की अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ को मैदान में उतारना चाहती है, साथ ही वह मुंबई उत्तर पश्चिम सीट चाह रही है, जहां कांग्रेस अपने पूर्व सांसद संजय निरुपम को मैदान में उतारना चाहती है। वैसे यूबीटी ने कांग्रेस के हिस्से वाली सांगली लोकसभा सीटों पर भी दावा किया है। कुछ सीटों को लेकर उद्धव लगातार दबाव बना रहे हैं।
वैसे कांग्रेस मुंबई साउथ सेंट्रल सीट की मांग कर रही है। इस सीट पर मुंबई कांग्रेस की अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ को मैदान में उतारना चाहती है, साथ ही वह मुंबई उत्तर पश्चिम सीट चाह रही है, जहां कांग्रेस अपने पूर्व सांसद संजय निरुपम को मैदान में उतारना चाहती है। वैसे यूबीटी ने कांग्रेस के हिस्से वाली सांगली लोकसभा सीटों पर भी दावा किया है। कुछ सीटों को लेकर उद्धव लगातार दबाव बना रहे हैं।
22-16-10 का फ़ॉर्मूला
आघाड़ी में शामिल दलों में सिर्फ सीटों की संख्या पर ही नहीं, बल्कि सीट बंटवारे के फॉर्मूले पर भी बीच मतभेद है। यूबीटी का दावा है कि एमवीए एक फॉर्मूले पर सहमत हो गया है। इनमें यूबीटी 22 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि कांग्रेस को 16 और एनसीपी सहित सहयोगी दलों को 10 सीटें मिलेंगी।
आघाड़ी में शामिल दलों में सिर्फ सीटों की संख्या पर ही नहीं, बल्कि सीट बंटवारे के फॉर्मूले पर भी बीच मतभेद है। यूबीटी का दावा है कि एमवीए एक फॉर्मूले पर सहमत हो गया है। इनमें यूबीटी 22 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि कांग्रेस को 16 और एनसीपी सहित सहयोगी दलों को 10 सीटें मिलेंगी।