मुंबई में मनसे के बाद शिवसेना आक्रमक, कार्यकर्ताओं ने गुजराती बोर्ड तोड़कर लगाया मराठी बोर्ड

Loading

मुंबई: वर्तमान में मराठी लोगों (Marathi People) के साथ हो रहे अत्याचार को लेकर कई मामले सामने आ रहे है। ऐसे में अब संभावना है कि मुंबई में एक बार फिर मराठी बनाम गुजराती (Marathi vs Gujarati) विवाद भड़क उठेगा। जी हां जैसा की हम सब जानते है मुंबई (Mumbai) की एक मराठी महिला तृप्ति देवरुखकर को कुछ दिन पहले मुलुंड में किराए पर ऑफिस देने से मना कर दिया गया था। फिर मनसे (MNS) ने अपने अंदाज से सोसायटी के सेक्रेटरी को इस मामले में खरी खोटी सुनाई थी। 

इसके बाद मनसे ने मुंबई में गुजराती बोर्ड, पोस्टर को लेकर पर अपना अभियान शुरू किया। लेकिन अब इस मामले में मनसे ही नहीं बल्कि इस मुद्दे पर शिवसेना ठाकरे गुट (Shiv Sena Thackeray faction) भी आक्रामक हो गया है। जी हां आइए यहां जानते है पूरी खबर… 

‘माझं घाटकोपर’ 

जी हां सामने आ रही खबर के मुताबिक, मुंबई के घाटकोपर में गुजराती भाषा में लगे बोर्ड को ठाकरे ग्रुप के कार्यकर्ताओं ने तोड़ दिया है। घाटकोपर पूर्व में पार्क के लिए सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए गुजराती नाम ‘मारू घाटकोपर’ को शिवसेना ठाकरे समूह के शिवसैनिकों ने तोड़-फोड़ कर हटा दिया है।

गुजराती बोर्ड किया तोड़फोड़ 

जानकारी के लिए आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों से इस गुजराती नाम को सोशल मीडिया पर ट्रोल (Gujarati name trolled on social media) किया जा रहा था। मनसे ने भी इस नाम को हटाने की मांग की, लेकिन आधी रात को शिवसेना ठाकरे गुट के शिवसैनिकों ने इसमें तोड़फोड़ कर दी। इससे एक बार फिर मराठी-गुजराती विवाद भड़कने की आशंका है। ऐसे में अब देखना यह होगा कि इस मामले में आगे क्या होता है। 

MNS महासचिव ने किया ट्वीट 

बता दें कि मनसे महासचिव अखिल चित्रे (MNS General Secretary Akhil Chitre) ने इस बारे में ट्वीट किया और कहा कि ”एक समाचार चैनल को जानकारी देते हुए मुंबई नगर निगम के सहायक अभियंता ने कहा कि चूंकि घाटकोपर की स्थानीय भाषा गुजराती है, इसलिए गुजराती भाषा में बोर्ड लगाना गलत नहीं है। इन साहब को ये नहीं भूलना चाहिए कि घाटकोपर मुंबई में है और मुंबई महाराष्ट्र में है और यहां की राजभाषा मराठी है। याद रखें आप मुंबई नगर निगम के कर्मचारी हैं, गुजरात के नहीं”

ऐसे में अब देखना यह होगा की महाराष्ट्र में क्या फिर एक बार गुजराती बनाम मराठी विवाद होगा, क्या इस स्थिति का जल्द निपटारा होगा।