मुंबई: डीएन नगर को मानखुर्द (Mankhurd to DN Nagar) से जोड़ने वाले मेट्रो-2बी कॉरिडोर (Metro-2B Corridor) का रास्ता साफ हो गया है। उल्लेखनीय है कि 23.5 किलोमीटर लंबा यह कॉरिडोर जुहू एयरोड्रोम के पास से गुजर रहा है। स्वामी विवेकानंद रोड से गुजरने वाले मेट्रो-2 बी कॉरिडोर के निर्माण को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। इस विवाद पर हाईकोर्ट ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) को एक हलफ़नामा दिए जाने का निर्देश देते हुए भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण (एएआई) की एनओसी (NOC) को सही ठहराया।
वैसे भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने 2019 में 16.76 मीटर की ऊंचाई पर इस कॉरिडोर के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया था, लेकिन जुहू हवाई अड्डे के पास एसवी रोड खंड पर काम में बाधा आई। स्थानीय लोगों ने विरोध किया कि मेट्रो कॉरिडोर रनवे के फ़्लाइंग जोन में स्थित है। इसके लिए ऊंचाई की मंजूरी के मुद्दे पर एचसी ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव स्वतंत्र व्यापक रिपोर्ट मांगी थी।
डीएमआरसी कर रही काम
मेट्रो-2 का निर्माण कार्य करने वाली कंपनी दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के मुताबिक, खंभों और स्पैन का काम एक साल के भीतर पूरा करना है। पियर निर्माण के बाद वायाडक्ट इंस्टालेशन किया जाएगा। दिसंबर 2024 तक इसका पहला चरण खोलने का प्लान है।
पांच स्टेशनों की निविदा
मेट्रो रेल प्रोजेक्ट-2 बी कॉरिडोर पर पांच स्टेशनों के निर्माण के लिए एमएमआरडीए ने निविदा जारी कर दी है। डीएन नगर से मांडले तक पांच एलिवेटेड स्टेशनों के निर्माण पर 100.30 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस काम के तहत प्री-इंजीनियरिंग बिल्डिंग स्ट्रक्चरल स्टील वर्क्स के डिजाइन, आपूर्ति और निर्माण शामिल हैं। इनमें डायमंड गार्डन, शिवाजी चौक, बीएसएनएल, मानखुर्द और मंडाले स्टेशनों का काम होगा। इन्हें 14 महीने में पूरा करना होगा।
प्रदान करेगा इंटर कनेक्टिविटी
डीएन नगर से मंडाले तक मेट्रो लाइन 2बी 23.643 किमी है। 20 स्टेशनों का एलिवेटेड कॉरिडोर मौजूदा वेस्टर्न एक्सप्रेस, ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे, वेस्टर्न रेलवे, सेंट्रल रेलवे, मोनो रेल, मेट्रो लाइन-1 (घाटकोपर से वर्सोवा) और मेट्रो लाइन 2A (दहिसर से डीएन नगर), मेट्रो लाइन-4 (वडाला से कासरवडवली) के बीच इंटरकनेक्टिविटी प्रदान करेगा।यह पूर्वी और पश्चिमी उपनगरीय मुंबई के बीच कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। मंडाले में 22 हेक्टेयर जमीन पर डिपो बनाने का काम भी तेजी से चल रहा है। परियोजना का खर्च 11,000 करोड़ रुपए हैं।