Maharashtra State government to take out 'Savarkar Gaurav Yatra' to talk about Veer Savarkar's contribution; Eknath Shinde
Photo: @ANI/Twitter

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मुंबई: राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार (-Fadnavis Government) में अजित पवार के शामिल होने के बाद तीनों दलों में घमासान मचा हुआ है। एक सप्ताह हो जाने के बावजूद अब तक अजित पवार (Ajit Pawar) के साथ कैबिनेट में शामिल मंत्रियों के विभागों का बंटवारा नहीं हो पाया है। पता चला है कि मंत्रिमंडल के एक और विस्तार के बाद ही विभागों का बंटवारा हो पाएगा। उधर, दूसरे उपमुख्यमंत्री अजित पवार को वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) दिए जाने की बात को लेकर शिंदे गुट (Shinde Faction) खासा नाराज दिखाई दे रहा है। 

शिंदे गुट के विधायकों को डर है कि अगर मंत्रिमंडल विस्तार से पहले अजित पवार के साथ उनके आठ मंत्रियों में विभागों का बंटवारा कर दिया गया तो मुसीबत और बढ़ जाएगी। एनसीपी की नजर राजस्व और वित्त सहित मलाईदार मंत्रालय पर है। इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी काफी दबाव में हैं।

बीजेपी के 2 मंत्रियों का कटेगा पत्ता

उधर, चर्चा है कि मंत्रिमंडल विस्तार के साथ बीजेपी के दो मंत्रियों का पत्ता कटेगा। तीन दलों की सरकार में सत्ता समीकरण बिठाने में बीजेपी के लिए चुनौती बनी है। अजित पवार वित्त और राजस्व विभाग के लिए अड़े हुए हैं। यदि उन्हें राजस्व विभाग दिया जाता है तो राधाकृष्ण विखे पाटिल से बीजेपी को विभाग छिनना होगा। उल्लेखनीय है कि अजित पवार के साथ आठ मंत्रियों को कैबिनेट मंत्री बनाकर कैबिनेट मंत्री पद का कोटा ही खत्म कर दिया गया है। अब 13 पद राज्य मंत्रियों के बचे हैं। ऐसे में कैबिनेट पद पाने की लालसा में बैठे शिंदे गुट के विधायकों के लिए मुश्किल हो गई है। एकनाथ शिंदे के साथ सबसे पहले बगावत करने वाले भरत सेठ गोगावले जैसे विधायकों का मंत्री बनने का सपना टूटता नजर आ रहा है।  

निर्दलियों का भी दबाव

तीनों दलों के अलावा सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायकों को भी मंत्री बनाने का दबाव है। निर्दलीय विधायक बच्चू कडू और रामटेक के विधायक आशीष जैसवाल जो शिंदे गुट के साथ हैं, इन्होंने अपने बगावती तेवर दिखाने भी शुरू कर दिए हैं। ऐसे में शिंदे सरकार में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा हैं।