मुंबई: कोरोना वायरस ने अर्थव्यवस्था पर गहरा असर डाला हैं. लेकिन इस दौरान हमें कई अवसर भी पैदा हुआ हैं, जिससे हमारे देश की अर्थव्यवस्था पुनः स्थापित करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगी। जो कंपनियाँ इस महामारी के कारण अपना उद्योग चीन के बाहर अन्य देशों में जाने वाली हैं उन्हें किस तरह अपने देश में लाया जाए इसको लेकर हमें काम शुरू कर दिया हैं और जल्द ही इसके परिणाम भी दिखेंगे। यह बात मुंबई पोर्ट ट्रस्ट के अध्यक्ष संजय भाटिया ने ‘नवभारत लॉकडाउन वाइब्स’ वेबिनार के दौरान कही.
कोरोना के बाद प्रशासनिक कठिनाइयों और आने वाली चुनौतियों विषय पर बोलते हुए भाटिया ने कहा, ” कोरोना वायरस ने हमारी अर्थव्यवस्था को गहरा आघात पहुंचाया हैं. जिसका असर भी दिख रहा हैं. लॉक डाउन के वजह से देश के अंदर हर क्षेत्र के उद्योग बंद थे, लेकिन इस दौरान पोर्ट क्षेत्र ऐसा था जिसका काम लगातार शुरू हैं. अगर मुंबई पोर्ट ट्रस्ट की बात करे तो यहाँ 90 प्रतिशत काम हो रहा हैं. वहीँ देश के अंदर इसका औसत 70-75 फीसदी हैं. ” उन्होंने कहा, ” लॉकडाउन के कारण हमें संकट उठाना पड़ रहा हैं. जिसको देखते हुए हमने कई प्रकार के निर्णय लिए जिससे इसकी थोड़ी भरपाई कर सके. हमने इस दौरान शीपो के पार्किंग की शुल्क और कई प्रकार टैक्स पर रोक लगा दी हैं, जिससे थोड़ी राहत दे सके.”
मुंबई पोर्ट पर पड़ने वाले सवाल पर भाटिया ने कहा, ” इसका असर तो पड़ना ही हैं इसमें कोई दो राय नहीं हैं. लॉकडाउन के वजह से निर्यात बेहद काम हो गया हैं, इसी के साथ आयात वैसा ही हैं. वहीं यातायात बंद होने के कारण हमें तकलीफ़ उठानी पड़ी सारा माल जो आया था, वह पोर्ट पर जमा हो गया. मजदूरों के पलायन से हमारे शुरू निर्माण कार्य बंद हो गाए वहीँ कुछ को 4-5 महीने आगे बढ़ा दिया हैं. हालांकि इसका कार्गो में कोई असर नहीं पड़ा.”
उन्होंने कहा, ” इस संकट की घड़ी ने हमें अवसर के मौके भी दिए हैं, जिससे ज्यादा से ज्यादा निवेश को हम भारत में ला सकते हैं. हमने नया वीजन तैयार किया है जिसके तहत हम अगले एक साल, पांच साल और दस साल करेंगे इसका लेखा जोखा तैयार करना शुरू कर दिया हैं, इसी के साथ शॉपिंग मंत्रालय ने चौदा स्तरीय कार्यक्रम बनाया हैं जिसके तहत चीन से बाहर जाने वाले निवेश को किस तरह भारत में लाया जा सकता हैं और उसे शुर किया जाए इसपर काम शुरू कर दिया गया हैं आने वाले कुछ इसके परिणाम भी दिखना शुरू हो जाएगा।
संजय ने कहा, ” पुरे देश में मुंबई इस महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित है, जिसका असर मुंबई पोर्ट पर भी पड़ रहा हैं. इस दौरान हमने एक महत्वपूर्ण कार्य किया जिसके कारण हम अपना कार्य शुरू रखे हुए हैं. अन्य देशों में कोरोना की स्थिति को देखते हुए हमने हमने अपने यहाँ होस्टलों का निर्माण किया और जो लोग यहाँ काम करने वाले है उनको इन्ही हॉस्टलों में रखा हुआ हैं, जिसके कारण कोरोनासे प्रभाव से हम बच गए. इन हॉस्टलों में हमरे वर्कर भी है और ठेके पर काम करने वाले भी.”