-शीतला सिंह
मुंबई. महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) के खिलाफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने वारंट (Warrant) जारी किया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जांच के लिए उसके समक्ष पेश नहीं होने पर कोर्ट (Court) में गुहार लगायी थी।
अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी आर.एम. नर्लिकर ने ईडी की अर्जी पर सुनवाई के दौरान भारतीय दंड संहिता की धारा-174 के तहत देशमुख के खिलाफ यह वारंट जारी किया। अदालत ने कहा कि ईडी के समन आरोपी के हाजिर नहीं होने के मद्देनजर पहली नजर में उनके खिलाफ मामला बनता है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट (किला कोर्ट) में अर्जी दाखिल कर देशमुख के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा-174 (लोकसेवक के आदेश का अनुपालन नहीं करना) के तहत कार्रवाई करने का अनुरोध किया था।
एक महीने की हो सकती है जेल की सजा
ईडी ने अपनी अर्जी में देशमुख के कई बार समन भेजे जाने के बावजूद मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पेश नहीं होने की बात कही है। इस धारा के तहत एक महीने तक की जेल की सजा या 500 रुपए का जुर्माना या दोनों हो सकता है। ईडी ने इस मामले में देशमुख के दो सहयोगी-संजीव पलांदे और कुंदन शिंदे को गिरफ्तार किया है। दोनों इस समय न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी ने इस मामले अदालत में हाल ही दाखिल आरोप पत्र में इन दोनों के अलावा सचित वझे को भी आरोपी बनाया है।