Mahavitaran
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    नागपुर. बिजली की आंखमिचौली या लोडशेडिंग से तो नागरिक हलाकान हैं ही, अब मनमाने बिल से भी महावितरण अपने ग्राहकों को परेशान कर रही है. अनापशनाप बिजली बिलिंग का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें 1 यूनिट बिजली के 110 रुपये वसूल किए गए हैं. पहले अप्रैल महीने में बिल आया और फिर मई में दिया गया. दोनों महीनों की यूनिट खपत में मात्र 1 यूनिट का ही अंतर है लेकिन बिल अमाउंट में 110 रुपये का है.

    यह अजीबोगरीब बिल आया है ग्राहक क्रमांक 410011008490 को, जो डॉ. डीएम कल्याणी के नाम है. उन्होंने बताया कि अप्रैल महीने में उन्हें 324 यूनिट खपत का 3,360 रुपयों का बिल आया. फिर मई महीने में 325 यूनिट की खपत हुई जिसका 3,470 रुपयों का बिल भेजा गया. उन्होंने दोनों बिल जमा कर दिए हैं लेकिन जब दोनों महीनों के बिल अमाउंट पर ध्यान गया तो देखा कि मात्र 1 यूनिट अधिक उपयोग से ही मई महीने का बिल 110 रुपये बढ़ा हुआ है. महावितरण ने 1 यूनिट के 110 रुपये किस हिसाब से लगाए? क्या यह कोई बताने वाला है? 

    स्लैब भी नहीं बदला

    महावितरण की बिलिंग में इस तरह की मनमानी अन्य ग्राहकों के साथ भी हो सकती है. बिल के सारे चार्जेस आदि की भी जांच की लेकिन कुछ समझ में नहीं आया कि 110 रुपये किस हिसाब से वसूल किए गए. स्लैब की जांच की तो 324 और 325 यूनिट की खपत में वह भी नहीं बदला है कि यूनिट के रेट में अंतर हो. 301 से 500 यूनिट का स्लैब है जिसकी प्रति यूनिट दर 10.37 रुपये है. ऐसे में एक यूनिट की खपत बढ़ने से 110 रुपये की वसूली कैसे की गई? डॉ. कल्याणी ने सवाल किया है कि क्या महावितरण को अपने ग्राहकों को इस तरह लूटने की छूट मर्क ने दी है?

    जवाब नहीं दे पाए अधिकारी

    इस संदर्भ में जब उन्होंने अपने एरिया के ईई घोटोले से संपर्क किया तो कोई समाधानकारक जवाब नहीं मिला. उन्हें वाट्सएप पर भी मैसेज भेजा गया लेकिन उत्तर नहीं आया. उन्होंने कहा कि यह जनहित का मामला है. सवाल यह उठ रहा है कि क्या इस तरह बिलों में गड़बड़ी कर ग्राहकों को लूट महावितरण अपना घाटा पूरा करने का काम तो नहीं कर रही. और अगर यह कम्प्यूटर सिस्टम की गड़बड़ी है तो भी ग्राहकों की जेब पर डाका डाला जा रहा है. उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या न्याय के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा? उन्होंने कहा कि अगर महावितरण अतिरिक्त वसूली राशि नहीं लौटाता तो वे अदालत की शरण में जाएंगे.