HIV AIDS
विश्व एड्स दिवस

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  • 5,300 सेंटर पूरे देश में
  • 2,500 के करीब होंगे बंद
  • 648 सेंटर राज्य में
  • 191 सेंटर होंगे बंद
  • 22 सेंटर जिले में
  • 8 सेंटर होंगे बंद

नागपुर. एचआईवी-एड्स बीमारी को रोकने के लिए नेशनल एड्स कंट्रोल आर्गेनाइजेशन (नैको) के तहत राज्य में शुरू किए गए करीब 648 एचआईवी-एड्स परामर्श व प्रशिक्षण केंद्रों (आईसीटीसी) में से 191 को बंद करने की तैयारी की जा रही है. हर केंद्र पर 1 काउंसलर और 1 लैब टेक्निशियन कार्यरत होता है. बड़े केंद्रों पर इनकी संख्या 4 तक है. नैको के इस निर्णय से आईसीटीसी में केंद्रों पर काम कर रहे सैकड़ों काउंसलर और लैब टेक्निशियन की नौकरी जाने का खतरा मंडरा रहा है. राज्य में बंद होने वाले केंद्रों में से नागपुर जिले के 22 में से 8 केंद्रों का समावेश है. इनमें मेडिकल और मेयो में शुरू गर्भवती महिलाओं के जांच केंद्रों का भी समावेश है. एचआईवी बाधितों की संख्या में गिरावट आने की बात का हवाला देकर नैको ने इन केंद्रों को बंद करने का निर्णय लिए जाने की जानकारी है.

20-22 वर्षों से कर रहे कार्य

नैको ने देश में 2030 तक एड्स का पूरी तरह निर्मूलन करने के उद्देश्य से 1998 में आईसीटीसी केंद्रों की शुरुआत की. बीमारी ने समाज में आतंक और भय का माहौल निर्माण कर दिया था. इसी डर के कारण कुष्ठ रोग के बाद एचआईवी संक्रमित लोगों को दूर कर दिया जाता था. इस पृष्ठभूमि में समुदाय से एचआईवी संक्रमण के डर को खत्म करने के लिए सूचनात्मक जागरूकता, उपचार और परामर्श आईसीटीसी केंद्रों द्वारा दिया गया. 20 से 22 वर्षों से कर्मचारी खुद की परवाह किए बिना एचआईवी/एड्स के कारण समाज में व्याप्त डर, इस बीमारी के बारे में समाज में फैली भ्रांतियों को दूर करने के लिए प्रयास कर रहे हैं. महाराष्ट्र में 20 एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) केंद्रों के साथ-साथ 648 एकीकृत परामर्श और परीक्षण केंद्र (आईसीटीसी), डीएपीक्यू और डीएसआरसी में लगभग 2,100 अधिकारी और कर्मचारी काम कर रहे थे लेकिन 2019 में 72 और 2023 मार्च में 21 आईटीसी केंद्र बंद किए गए. इन केंद्रों के कर्मचारियों को रिक्त पदों पर भेजा गया लेकिन अब राज्य के 191 केंद्रों को बंद करने का निर्णय लिया गया है. इससे करीब 400 कर्मचारियों के बेरोजगार होने की नौबत आ गई है.

हेपेटाइटिस-बी और गुप्त रोग का प्रमाण बढ़ा

आईसीटीसी सेंटर में एचआईवी-एड्स के अलावा हेपेटाइटिस-बी, सी, गुप्त रोग और टीबी की भी जांच की जाती है. पिछले 20-22 वर्षों से की जा रही जनजागृति और जांच के कारण एचआईवी-एड्स के मरीजों का प्रमाण कम हुआ है. लेकिन अब हेपेटाइटिस-बी और गुप्त रोग के मरीजों की संख्या बढ़ने की जानकारी है. कर्मचारियों ने बताया कि पहले सेंटर पर 150-200 के करीब एड्स के रोगी मिलते थे. अब इनकी संख्या 50-60 के करीब हो गई है लेकिन हेपेटाइटिस-बी और गुप्त रोग के मरीजों की संख्या बढ़ गई है. ऐसे में यदि आईसीटीसी सेंटर को बंद कर दिया गया तो न सिर्फ एड्स के मरीजों के बढ़ने का खतरा है बल्कि बाकी 4 बीमारियों पर नियंत्रण लाने में भी दिक्कत होगी.

राज्य सरकार अपने कब्जे में ले

कर्मचारियों का कहना है कि एड्स बीमारी लाइलाज है. ऐसे में इस सेंटर को बंद नहीं किया जाना चाहिए. यदि नैको के पास फंड की कमी है तो राज्य सरकार इन सेंटर को अपने कब्जे में ले सकती है. ओडिशा, राजस्थान, मध्य प्रदेश में यह निर्णय लिया गया है. ऐसे में राज्य सरकार ने भी सेंटर को अपने कब्जे में लेना चाहिए ताकि जांच व जनजागृति का काम चलता रहे.

3 को दिल्ली में करेंगे प्रदर्शन

राज्य सरकार से आईसीटीसी, एआरटी, डीएसआरसी, एड्स नियंत्रण कार्यालय में कर्मचारियों की कटौती को रोकने, राज्य स्वास्थ्य प्रणाली में शामिल करने की मांग को लेकर एड्स नियंत्रण संगठन की ओर से पूरे देश के करीब 2,600 कर्मचारी 3 अक्टूबर को दिल्ली में केंद्र सरकार के स्वास्थ्य विभाग के राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे. न्याय नहीं मिलने पर कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन आंदोलन करने की चेतावनी दी.