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नागपुर. नागपुर जिले के ग्रामीण व शहरी भागों से मार्च 2023 से अक्टूबर (8 माह) तक 3,838 लोगों के गायब हो जाने के मामले सामने आए हैं. चिंताजनक यह है कि इनमें 2011 महिलाएं और 225 लड़के-लड़कियों का समावेश है. यह जानकारी डीसीएम व गृह मंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने अपने लिखित उत्तर में दी. विधान परिषद में चंद्रशेखर बावनकुले, प्रवीण दटके सहित अन्य सदस्यों ने प्रश्नोत्तर के माध्यम से सवाल किया कि राज्य में अल्पवयीन लड़कियों के गायब होने की घटनाएं बढ़ गई हैं.

बोईसर एमआईडीसी पुलिस थाने की सीमा में 2 दिनों में 3 लड़कियां लापता हो गईं. नागपुर जिले में बीते 8 महीनों में 2000 से अधिक लोग लापता हुए जिसमें 1000 से अधिक महिलाएं व युवा लड़कियां हैं. 94 लड़के और 90 से अधिक किशोरवयीन लड़कियां हैं. लड़कियों को लालच दिखाकर फांसना और भगाने की घटनाओं से पालकों में चिंता व भय का वातावरण है. इसके लिए सरकार क्या कर रही है. 

पारिवारिक कारणों से भाग जाती हैं

अपने लिखित जवाब में फडणवीस ने कहा कि बोईसर व नागपुर से गायब हुईं लड़कियों के मामले में मामला दर्ज किया गया है. अधिकतर अल्पवयीन लड़कियां पालकों के डांटने, पारिवारिक कारणों के चलते भाग जाती हैं. उक्त 8 महीनों की कालावधि में लड़कियों को लालच देकर भगाने का कारण सामने नहीं आया. अक्टूबर तक विविध मामलों में लालच देकर भगाने वाले प्रकरणों में अधिकतर प्रेम संबंध के हैं. नागपुर में लापता 3838 में 2011 महिलाएं व 225 लड़के-लड़कियां शामिल हैं. इनमें से 3,239 लोगों को खोज लिया गया है. शेष की खोज पुलिस कर रही है. लापता हुए लोगों को पुलिस के प्रयास से लाने का प्रतिशत 88 है. वहीं भगाकर ले जाने के मामलों में 94 फीसदी को वापस लाया गया है.

समुपदेशन के लिए ‘पुलिस दीदी’

लापता लड़कियों व लोगों को खोजने के लिए पुलिस विविध उपाययोजना कर रही है. थाना स्तर पर भरोसा सेल व पुलिस दीदी उपक्रम शुरू किया गया है. इस उपक्रम में स्कूल, कॉलेज, ट्यूशन क्लासेस, स्लम, महिला व लड़कियों के छात्रावासों में पुलिस दीदी टीम भेंट देकर किशोरवयीन लड़के-लड़कियों का समुपदेशन करती हैं. ऑपरेशन मुस्कान के माध्यम से मिसिंग बच्चों की खोज की जाती है.