Fraud
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    नागपुर. दिल्ली में बैठकर 3 अफ्रीकन युवकों ने शहर की कंपनी के नाम पर फर्जी वेबसाइट तैयार कर ली. उसके नाम से ट्रेडिंग करने के लिए इंडिया मार्ट में भी जानकारी उपलब्ध करवाई. कंपनी के संचालक को इसका पता चला तो उन्होंने पुलिस से शिकायत की. पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने साइबर पुलिस स्टेशन को जांच के निर्देश दिए. पुलिस ने तकनीकी जांच माध्यमों से आरोपियों का पता लगाया और तीनों को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया. पकड़े गए आरोपियों में राऊल एमी चौंगा (29), चाकोंटे जैक्सन साहतो (32) और थेमन्वी रॉबर्ट एनग्वॉ (32) का समावेश है. तीनों सेंट्रल अफ्रीकी देश कैमरून के रहने वाले हैं. यह देश नाइजेरिया से लगा हुआ है. हालांकि तीनों की गिरफ्तारी दिल्ली के मेहरोली परिसर से हुई है.

    ग्राहक का फोन आने पर मिली जानकारी

    विगत 13 अगस्त को पुलिस ने समर्थनगर निवासी भूषण रवींद्र साबले (47) की शिकायत पर मामला दर्ज किया था. भूषण जेके सोल्यूशन प्रा.लि. कंपनी के संचालक हैं और उनका कार्यालय धरमपेठ में है. 11 अगस्त को भूषण के मोबाइल पर प्रीतेश इंगले नामक व्यक्ति ने फोन किया. इंडिया मार्ट बिजनेस टू बिजनेस वेबसाइट से नंबर मिलने की जानकारी दी और रिफाइन शुगर के बारे में पूछताछ की. भूषण ने बताया कि उनकी कंपनी ऐसा कोई प्रोडक्ट नहीं बेचती है. तब प्रीतेश ने इंडिया मार्ट से जानकारी मिलने का हवाला दिया. भूषण आश्चर्यचकित रह गए. उन्होंने खुद गूगल पर अपनी कंपनी का नाम सर्च किया. उन्हें अपनी कंपनी के नाम की वेबसाइट तो मिली ही, साथ में जीएसटी नंबर भी दिया गया था. 

    4 दिन की पुलिस हिरासत 

    संपर्क करने के लिए एक ईमेल आईडी और पॉल हन्सन का नंबर दिया गया था जो वास्तविक रूप से उनका नहीं था. शिकायत मिलते ही साइबर यूनिट काम पर लग गया. दिए गए नंबर की जानकारी इकट्ठा करने पर मनीपुर के तामेंगलान शहर के लामगोलौन सिंगसॉन के नाम पर रजिस्टर होने का पता चला लेकिन नंबर दिल्ली के मेहरोली में एक्टिव था. पुलिस ने नंबर पर सबसे ज्यादा कॉल करने वालों का पता लगाया. डीसीपी चिन्मय पंडित के मार्गदर्शन में टीम दिल्ली रवाना हुई और रविवार को तीनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया. सोमवार को उन्हें न्यायालय में पेश कर 7 दिन की पुलिस हिरासत मांगी गई. बचावपक्ष के वकील मंगेश राऊत ने विरोध किया. न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आरोपियों को 4 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया. 

    इन मुद्दों पर होगी जांच 

    आरोपियों ने जेके सोल्यूशन के नाम पर बनाई गई वेबसाइट के जरिए भूषण के अलावा अब तक और कितने लोगों को ठगा है, इस बारे में पुलिस पूछताछ कर रही है. फर्जी वेबसाइट तैयार करने के लिए उपयोग में लाए गए उपकरणों की जानकारी ली जा रही है. इस रैकेट में और भी आरोपियों का समावेश हो सकता है. आरोपी कैमरून के रहने वाले हैं लेकिन सिमकार्ड मणिपुर में रहने वाले व्यक्ति के नाम पर कैसे हासिल किया. इसके लिए उपयोग किए गए दस्तावेज भी जब्त करने हैं. आरोपियों ने भूषण की कंपनी का जीएसटी नंबर भी उपयोग किया है. इसकी जानकारी आरोपियों को कैसे मिली? आरोपी देश में कब और कैसे आए, दिल्ली में कब से रह रहे हैं आदि मुद्दों पर जांच की जा रही है.