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    नागपुर. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई दर्दनाक घटना के विरोध में महाविकास आघाड़ी द्वारा महाराष्ट्र बंद का ऐलान किया गया था. ऐन नवरात्रि बंदोबस्त के बीच बंद की घोषणा ने पुलिस विभाग का टेंशन बढ़ा दिया था. पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार और ज्वाइंट सीपी अस्वती दोरजे ने आला अधिकारियों के साथ बैठक कर बंदोबस्त की व्यूहरचना तैयार की. 100 पुलिस अधिकारियों के साथ 26,00 जवानों को बंदोबस्त में तैनात किया गया. इसके साथ ही एसआरपीएफ की 1 कंपनी और रायट कंट्रोल दस्ते की 4 प्लाटून भी अलग-अलग स्थानों पर तैनात की गईं.

    कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस, शिवसेना, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, जनता दल, समाजवादी पार्टी और आरपीआई सेक्यूलर ने भी बंद का समर्थन किया. पार्टी के नेताओं द्वारा शहर के अलग-अलग स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया गया. कुछ जगहों पर रैली भी निकाली गई. सभी जगह पुलिस तैनात थी. कोई तनाव न हो इसका विशेष ध्यान रखा गया. कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी आंदोलन स्थलों पर नेताओं से संपर्क बनाया गया.

    सक्करदरा चौक कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं की आक्रामकता से कुछ समय के लिए पुलिस को पसीने छूट गए. शहरभर में आयोजित किए गए मोर्चे और रैली में महामारी कानून का उल्लंघन हुआ. पुलिस ने अलग-अलग संगठनों के खिलाफ 7 मामले दर्ज किए हैं. साथ ही 405 आंदोलनकारियों को डिटेन भी किया गया. कुछ समय बाद पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया.