क्वेटा कॉलोनी में मिले 5 भ्रूण; परिसर में मचा हड़कंप, जांच में जुटी पुलिस

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    • वर्धा की तरह अवैध गर्भपात की आशंका

    नागपुर. लकड़गंज थानांतर्गत क्वेटा कॉलोनी परिसर में कचरे के ढेर में 5 भ्रूण मिलने से हड़कंप मच गया. खबर मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची. लोगों की भीड़ जमा हो गई. जांच करने पर और भी अंग मिलने की जानकारी है. पुलिस ने भ्रूण और शरीर के अंग जब्त कर फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिए हैं. क्वेटा कॉलोनी के केटी वाइन शॉप के सामने एक मैदान है. किसी समय यहां अस्पताल हुआ करता था. अब लोग कंपाउंड के पास कचरा फेंकते हैं. रोजाना महानगरपालिका की गाड़ी यहां कचरा उठाने आती है. 

    शाम 4 बजे के दौरान परिसर में रहने वाले 2 बच्चे वहां लघुशंका के लिए गए. कचरे में भ्रूण देखकर दोनों घबरा गए. पास के ही दूकानदार अनिल जैन, सुमित पडोले, व्यंकटेश नायडू और तुषार ठाकरे को जानकारी दी. जैन ने तुरंत लकड़गंज पुलिस को सूचना दी. इंस्पेक्टर अमिता जयपुरकर अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचीं. जांच करने पर वहां 5 भ्रूण दिखाई दिए. 

    मामला गंभीर था इसीलिए फोरेंसिक जांच दल और फोटोग्राफी विभाग को भी मौके पर बुलाया गया. खुद डीसीपी गजानन राजमाने मौके पर पहुंच गए. जांच करने पर भ्रूण के अलावा किडनी, हड्डियां और अन्य अंग भी मिले. सभी अ‍वशेषों को पुलिस ने जब्त कर फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया. बताया जा रहा है कि पांचों भ्रूण लड़कियों के हैं और 6 से 7 महीनों के रहे होंगे. 

    फोरेंसिक जांच में होगा खुलासा : DCP राजमाने

    डीसीपी राजमाने ने मीडिया को बताया कि भ्रूण के साथ कुछ अंग भी कचरे में मिले हैं. दवा और दवाओं के डिब्बे भी हैं. इससे लगता है कि यह बायो मेडिकल वेस्ट है लेकिन भ्रूण और बायो वेस्ट को इस तरह कचरे में फेंकना गंभीर मामला है इसीलिए पुलिस की फोरेंसिक टीम प्रकरण की जांच में जुट गई है. भ्रूण को देखकर जेंडर बता पाना मुश्किल है. जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी खंगाली जा रही है. बायो वेस्ट परिसर में किसने और कब फेंका इसका पता लगाकर आगे की कार्रवाई की जाएगी. 

    क्या वर्धा के बाद नागपुर का नंबर?

    जनवरी में वर्धा के आर्वी परिसर में स्थित डॉ. कदम के अस्पताल में चल रहे अवैध गर्भपात केंद्र का भांडाफोड़ हुआ था. पूरे राज्य में यह मामला चर्चा में रहा. अस्पताल के परिसर में भ्रूण को ठिकाने लगाने का काम किया जा रहा था. राज्य के सभी शहरों में गर्भपात केंद्रों और मैटरनिटी अस्पतालों की जांच करने के निर्देश दिए गए. ऐसे में अब नागपुर में कचरे के ढेर में 5 भ्रूण मिलने से प्रशासन सकते में आ गया. संदेह जताया जा रहा है कि भ्रूण अवैध तरीके से किए गए गर्भपात के हैं. बायो मेडिकल वेस्ट को ठिकाने लगाने के लिए महानगरपालिका का अलग विभाग है. सभी अस्पतालों से मेडिकल वेस्ट जमा करके नष्ट किया जाता है. ऐसे में बाहर कचरे में इस तरह भ्रूण फेंकने से मामला गंभीर हो गया है. क्या वर्धा की तरह नागपुर में भी इस तरह के गर्भपात केंद्र चल रहे हैं?