Tripura Assembly Elections 2023
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    नागपुर. मनपा में गत 15 वर्षों से सत्ता में रही भाजपा को अब आम चुनाव आते ही न केवल विरोधी दल की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि इससे अधिक अंतर्कलह से जूझना पड़ रहा है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब कार्यकर्ताओं ने ‘और कितनी बार एक ही उम्मीदवार’ का नारा बुलंद करना शुरू कर दिया.

    इसी नारे के साथ इच्छुक भाजपा कार्यकर्ताओं ने मनपा चुनाव में टिकट के लिए ताल ठोंक दी. कार्यकर्ताओं का मानना है कि पूरे देश का राजनीतिक परिदृश्य देखा जाए तो भविष्य में भले ही मौका न मिले लेकिन इस बार मनपा में पार्षद के रूप में जाने का मौका मिल सकता है. यही कारण है कि ‘अभी नहीं, तो कभी नहीं’ का उल्लेख कर वरिष्ठ पार्षदों के खिलाफ पार्टी के भीतर विरोध शुरू हो गया है.

    15-20 वर्षों से एक को ही मौका

    कार्यकर्ताओं का मानना है कि मनपा में सत्ता चलाने के लिए अनुभवी पार्षदों की आवश्यकता का हवाला देते हुए लगातार 15 वर्षों या उससे अधिक काल से एक ही व्यक्ति को मौका दिया जा रहा है. ऐसे में कार्यकर्ताओं की केवल नारेबाजी लगाने में उम्र बीते जा रही है जबकि उसे वास्तविक रूप में लोगों की सेवा का मौका ही नहीं दिया जाता है. कई ऐसे कार्यकर्ता है, जिन्होंने 25 से 30 वर्ष की आयु से ही कार्यकर्ता के रूप में राजनीतिक जीवन की शुरुआत की.

    अब कहीं 20 वर्ष तो कहीं पर 25 वर्षों से ऐसे कार्यकर्ताओं केवल कार्यकर्ता ही बनकर रह गए हैं. आधी उम्र बीत जाने के बाद भी पार्टी के वरिष्ठ नेता भविष्य में उनके बारे में सोचने का आश्वासन दे रहे हैं. यह कार्यकर्ताओं के साथ अन्याय है. पहले 5 वर्ष के कार्यकाल में मनपा की कार्यप्रणाली समझ में नहीं आने से उसके द्वारा विकास के उतने कार्य नहीं हो पाते है. ऐसे में उसे दूसरा मौका देकर अगले 5 वर्ष लोगों की सेवा करने का मौका दिया जाना चाहिए. किंतु बाद में उसके अनुभव का लाभ अन्य कार्यकर्ताओं को होना चाहिए.

    भोग चुके हैं सभी पद 

    उल्लेखनीय है कि कार्यकर्ताओं का रोष कमोबेश प्रत्येक प्रभाग में है. कार्यकर्ताओं का मानना है कि भाजपा के वर्तमान पार्षदों में कई ऐसे हैं. जिन्होंने मनपा के कई पदों पर कार्य किया. इसके बावजूद पार्षद बनने की लालसा खत्म नहीं हो रही है. कुछ समय पहले तक कांग्रेस में भी इसी तरह की राजनीति होती थी. यही कारण है कि कांग्रेस धरातल में पहुंच गई. उसी की पुनरावृत्ति अब भाजपा में हो रही है. कार्यकर्ताओं का मानना है कि यदि युवा वर्ग मनपा में आएगा तो नए जोश के साथ प्रभागों में विकास को अंजाम दे सकता है जो कई बार पार्षद रह चुके है, उन्हें पालक की भूमिका में आ जाना चाहिए. जिनके अनुभव का लाभ मिलने पर युवा नेतृत्व तैयार हो सकेगा.

    पूर्व नागपुर में भारी अंतर्कलह

    सूत्रों के अनुसार मनपा का चुनाव भाजपा के लिए आसान नहीं है. पार्टी के भीतर चल रही अंतर्कलह को देखते हुए वरिष्ठ नेताओं की फौज लगाकर अब हर क्षेत्र में कार्यकर्ता सम्मेलन लिए जा रहे हैं लेकिन आलम यह है कि इन्ही सम्मेलनों में कार्यकर्ताओं का अंतर्कलह उजागर हो रहा है. जानकारों के अनुसार भाजपा में पहले इस तरह से खुला विरोध नहीं होता था. अपने नेताओं तक नाराजगी के सुर पहुंचाए जाते थे किंतु अब नेताओं के सामने ही खुलकर नाराजगी जताई जा रही है. जिससे नेताओं को न केवल पसीने छूट रहे, बल्कि स्थिति को सामान्य बनाने के लिए माथे पर बल पड़ते दिखाई दे रहे हैं.