Mayo Hospital

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    नागपुर. इंदिरा गांधी शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय व अस्पताल में मरीजों के इलाज से लेकर व्यवस्था की देखरेख के लिए 8 अधिकारियों को कार्यभार सौंपा गया है लेकिन मरीजों की समस्याओं का निराकरण नहीं हो रहा है. अधिकारी एक दूसरे पर जिम्मेदारी ढकेल रहे हैं. यही वजह है कि व्यवस्था बिगड़ रही है.

    मेयो में वैद्यकीय अधीक्षक पद की अतिरिक्त जिम्मेदारी फिलहाल डॉ. राधा मुंजे पर है. उनकी अनुपस्थिति में 3 डिप्टी एम.एस., 2 ज्वाइंट एम.एस और 2 नोडल ऑफिसर सहित कुल 8 अधिकारी तैनात किये गये हैं. इनका कार्य मरीजों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं मिलना और शिकायतों का निवारण करना है लेकिन अधिकारी एक-दूसरे पर जिम्मेदारी सौंप रहे हैं. पहले वैद्यकीय अधीक्षक पद पर सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रतिनियुक्ति की जाती थी लेकिन जब से विभाग ने अपने अधिकारियों को वापस बुलाया तब से मेडिकल कॉलेज के ही किसी विभाग प्रमुख या सहयोगी प्राध्यापक को वैद्यकीय अधीक्षक की जिम्मेदारी सौंपी जाती है.

    इनका कार्य स्वास्थ्य सेवा से संबंधित होता है. वैद्यकीय अधीक्षक अपने अधिकार क्षेत्र में उपवैद्यकीय अधीक्षक की नियुक्ति करते हैं. मेडिकल में भी इसी तरह की व्यवस्था है लेकिन मेयो की स्थिति कुछ अलग ही बनी हुई है. इस संबंध में मेयो के  अधिष्ठाता डॉ. संजय बिजवे ने भी माना ढेरों समस्याएं हैं. अस्पताल में अनेक विभागों में जिम्मेदारियों की मॉनिटरिंग नहीं हुई है. रिकॉर्ड भी मिलता नहीं. पटरी से गिरी व्यवस्था को वापस लाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं. किचन, लॉन्ड्री, आपत्कालीन विभाग, क्लीनिकल विभाग की समस्याओं को पहले प्राथमिकता के साथ निपटाया जा रहा है.