Ajit Parse
अजीत पारसे

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नागपुर. कोतवाली थानांतर्गत दर्ज धोखाधड़ी के मामले में हाई कोर्ट से अंतरिम जमानत की अर्जी वापस लिए जाने के बाद पुलिस ने जालसाज अजीत पारसे को 2 दिनों पहले ही गिरफ्तार कर लिया. कोतवाली के अलावा पारसे के खिलाफ अंबाझरी थाने में भी मामला दर्ज है. इस मामले में भी गिरफ्तारी पूर्व जमानत के लिए अर्जी दायर की गई जिस पर मंगलवार को सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की ओर से समय देने का अनुरोध किए जाने के बाद न्यायाधीश अनिल पानसरे ने 25 तक तो सुनवाई टाल दी किंतु याचिकाकर्ता को दी गई अंतरिम राहत जारी रखने के आदेश भी दिए.

उल्लेखनीय है कि लगभग 7 माह बाद हत्थे चढ़ने से पुलिस द्वारा पारसे से कोतवाली मामले में कड़ाई से पूछताछ जारी है. इसी बीच अब अंबाझरी मामले में भी गिरफ्तारी की आशंका के चलते शिकंजा कसता जा रहा है. याचिकाकर्ता की ओर से अधि. एसपी बोधलकर और सरकार की ओर से सहायक सरकारी वकील संजय डोईफोडे ने पैरवी की.

हाजिर हुआ किंतु सहयोग नहीं

पुलिस की पैरवी कर रहे सहायक सरकारी वकील संजय डोईफोडे का मानना था कि सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत पारसे को नये सिरे से नोटिस जारी किया गया था जिसके बाद याचिकाकर्ता जांच अधिकारी के समक्ष पूछताछ के लिए हाजिर हो गया. पूछताछ के दौरान उससे कई सवाल हुए किंतु उसने किसी भी सवाल का सीधा जवाब नहीं दिया. यहां तक कि उसने कुछ भी याद नहीं होने का बहाना किया है. पूछताछ के दौरान हुई पूरी घटना की जानकारी हलफनामा के साथ अदालत के समक्ष प्रस्तुत की गई. चूंकि पारसे अब छानबीन में सहयोग नहीं कर रहा है, अत: उसकी कस्टडी जरूरी होने की जानकारी अदालत को दी गई. 

पहले नहीं थी कस्टडी की जरूरत

उल्लेखनीय है कि अंबाझरी मामले में पुलिस गत 7 माह से लगातार पारसे की अंतरिम जमानत का विरोध करती रही है.किंतु मार्च के अंत में हुई सुनवाई के दौरान अचानक पुलिस ने यू-टर्न लिया था. सुनवाई के दौरान पुलिस की पैरवी कर रहे वकील ने कहा था कि अब पुलिस को पारसे के कस्टडी की आवश्यकता नहीं है जिसके बाद अदालत ने अंतिम रिपोर्ट कब तक दायर की जाएगी, इस संदर्भ में जवाब देने के आदेश जांच अधिकारी को दिए थे. किंतु अब हिरासत मांगी जा रही है.