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नागपुर. भोपाल की बंसल कंस्ट्रक्शन वर्क कंपनी से लाखों रुपये की रिश्वत लेने के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एनएचएआई के 2 और अधिकारियों को गिरफ्तार किया है. रविवार को सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए एनएचएआई नागपुर के जनरल मैनेजर व प्रोजेक्ट डायरेक्टर अरविंद काले, हरदा, एमपी के डिप्टी जनरल मैनेजर ब्रिजेशकुमार शाहू, बंसल कंस्ट्रक्शन कंपनी के संचालक अनिल बंसल, कुणाल बंसल, कंपनी के कर्मचारी सी. कृष्णा और छतर सिंह लोधी सहित 6 आरोपियों को सीबीआई ने भोपाल की विशेष अदालत में पेश किया. अदालत ने उन्हें 9 मार्च तक कस्टडी में रखने के आदेश दिए.

सोमवार को इस मामले में भोपाल के प्रोजेक्ट डायरेक्टर की जिम्मेदारी संभालने वाले  डिप्टी जनरल मैनेजर  राजेंद्र कुमार गुप्ता और विदिशा के प्रोजेक्ट डायरेक्टर हेमंत कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया गया. अब इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों की संख्या 8 हो चुकी हैं. आरोपियों के घर और कार्यालय की तलाशी के दौरान सीबीआई 2 करोड़ रुपये नकद जब्त कर चुकी है. इसके साथ ही पकड़े गए आरोपियों की चल-अचल संपत्तियों का भी पता लगाया जा रहा है. सीबीआई के अनुसार बंसल कंपनी को नागपुर में आउटर रिंग रोड के निर्माणकार्य का ठेका मिला था. इसके अलावा हंता-बैतूल और विदिशा मोरीकोरी में भी हाईवे सड़क निर्माण के ठेके मिले थे. कंप्लीशन सर्टिफिकेटऔर बिल क्लियर करवाने के लिए एनएचएआई के अधिकारी कंपनी से रिश्वत वसूल कर रहे थे.

जीएम अरविंद काले को नागपुर आउटर रिंग रोड के प्रोजेक्ट डायरेक्टर नियुक्त किया गया था. बंसल कंपनी का सी. कृष्णा लगातार उनके संपर्क में था. 28 फरवरी को ही सी. कृष्णा और काले की मुलाकात नागपुर में हुई थी. काले ने कंपनी पर बकाया 45 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी. सी. कृष्णा ने इस संबंध में बंसल कंपनी के संचालक अनिल बंसल से संपर्क किया था. इसी तरह कंपनी के कर्मचारी भोपाल, हरदा और विदिशा में भी एनएचएआई के अधिकारियों के संपर्क में थे. रविवार को सी. कृष्णा और लोधी नामक कर्मचारी काले को 25 लाख रुपये देने के लिए नागपुर आए थे.

इसकी जानकारी मिलते ही सीबीआई की टीम ने काले के नरेंद्रनगर स्थित मकान पर छापा मारा. काले सहित रिश्वत पहुंचाने आए दोनों आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया. काले के घर से सीबीआई ने 45 लाख रुपये भी जब्त किए. सीबीआई नागपुर ब्रांच के डीआईजी सलीम खान ने बताया कि यह केस दिल्ली ब्रांच द्वारा दर्ज किया गया है. हमसे केवल स्थानीय सहयोग मांगा गया था. केस दिल्ली में रजिस्टर हुआ. 4 आरोपियों की नागपुर में गिरफ्तारी हुई और पकड़े गए आरोपियों को भोपाल कोर्ट में पेश किया गया. इस कार्रवाई को लेकर तरह-तरह की चर्चा हो रही है. कार्रवाई के पीछे राजनीतिक दबाव भी बताया जा रहा है.