नागपुर. पूर्व मंत्री व राकां नेता अनिल देशमुख ने कहा कि छत्रपति संभाजीनगर में मविआ की सभा को मिले प्रतिसाद को देख भाजपा नागपुर में आयोजित होने वाली वज्रमूठ सभा को लेकर डरी हुई है. इसलिए कुछ लोगों को आगे कर विरोध की शुरुआत की गई. सभा हेतु मैदान के लिए नियम के अनुसार अनुमति ली गई है.
विधायक कृष्णा खोपड़े द्वारा किया जा रहा विरोध राजनीतिक रंग का है लेकिन सभा जंगी होने वाली है. वे प्रेस परिषद में बोल रहे थे. उन्होंने बताया कि दर्शन कालोनी मैदान में होने वाली सभा में तीनों पार्टियों के 2 प्रमुख नेता संबोधित करेंगे. राज्यभर में ऐसी 6 सभा का आयोजन होगा. तीनों पार्टियों को 2-2 सभा की जिम्मेदारी दी गई है. नागपुर, कोल्हापुर की कांग्रेस, संभाजीनगर, मुंबई की शिवसेना व नाशिक और पुणे की जिम्मेदारी राकां की है. नागपुर में समाजवादी पार्टी के सांसद कपिल सिब्बल के आने की चर्चा है.
किसानों पर संकट और सरकार अयोध्या में
देशमुख ने कहा कि राज्य के किसान बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से संकट में हैं. विदर्भ व मराठवाड़ा की स्थिति खराब होते हुए राज्य सरकार अयोध्या में है. उन्होंने कहा कि देवदर्शन का विरोध नहीं है लेकिन समय कौन सा, अड़चन क्या यह समझने की जरूरत थी. प्रेस परिषद में रमेश बंग, दुनेश्वर पेठे, शिवराजबाबा गुजर, प्रकाश गजभिये, राजाभाऊ टांकसाले, दीनानाथ पडोले सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.
आशीष देशमुख पर टाल गए जवाब
कांग्रेस से निलंबित आशीष देशमुख के राकां में प्रवेश की चर्चा संबंधी सवाल को देशमुख ने टाल दिया. उन्होंने कहा कि मैं छोटा नेता हूं, पार्टी नेता इस पर निर्णय लेंगे. उन्होंने कहा कि विदर्भ व मराठवाड़ा के कपास संकट में हैं और ऐसा होते हुए भी केन्द्र सरकार ने कपास कारखानेदारों के दबाव में 15 लाख गठान कपास का आयात किया जिसके चलते कपास की कीमत घट गई.
यूपीए काल में 43 लाख गठान कपास निर्यात किया गया था लेकिन इस समय 30 लाख गठान का ही निर्यात हुआ. इससे कपास उत्पादक किसानों को बड़ा झटका लगा है. जिले में संतरा, मौसंबी को नुकसान हुआ. 8 महीना पहले इस ओर सरकार का ध्यान आकर्षित किया था. जिलाधिकारी ने अब तक रिपोर्ट नहीं भेजी जिसके चलते मदद नहीं मिली. केन्द्र ने बटर-घी आयात करने का निर्णय लिया है जिसका शरद पवार ने विरोध किया है. निर्णय को रद्द करने की मांग देशमुख ने की.