CBI

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नागपुर. सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) के नाम पर केंद्र शासकीय अधिकारियों से वसूली करने वाले सादिक कुरैशी के करीबी साथी को सीबीआई ने चंद्रपुर से गिरफ्तार किया. पिछले कई वर्षों से वह सादिक के साथ अधिकारियों को डराकर वसूली कर रहा था. पकड़ा गया आरोपी चंद्रपुर निवासी निहाल अहमद साबिर शेख (30) बताया गया. गिरफ्तारी के साथ ही सीबीआई ने उसके घर की तलाशी ली. घर पर मामले से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज हाथ लगे है.

सीबीआई सूत्रों के अनुसार कुरैशी की गिरफ्तारी के बाद से निहाल फरार था. सीबीआई ने विगत 2 नवंबर को कुरैशी को रंगेहाथ गिरफ्तार किया था. वह फाइल बंद करने की एवज में सेंट्रल रेलवे के वरिष्ठ विभागीय मैकेनिकल इंजीनियर से वसूली कर रहा था. कुरैशी खुद को सीबीआई के डीआईजी का निजी सचिव बताता था. उसकी गिरफ्तारी के बाद सीबीआई ने डीआरएम कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली. तब पता चला कि कुरैशी के साथ निहाल भी कार्यालय में घूमता और अधिकारियों से मिलता था लेकिन वह गिरफ्तारी से बचने के लिए अंडरग्राउंड हो गया था.

इस बीच सीबीआई ने निहाल के 5 बैंक खातों को फ्रीज करवा दिया था. कुरैशी और निहाल केवल रेलवे ही नहीं बल्कि डब्ल्यूसीएल, मॉयल और केंद्र के अधीन आने वाले पेट्रोलियम विभाग के अधिकारियों को भी धमकाकर वसूली कर रहे थे. कुरैशी की गैंग में कुल 4 लोग काम कर रहे थे. अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई में शिकायत होने और फाइल बंद करने की एवज में वसूली करते थे. आरोपी सीबीआई की वेबसाइट से एफआईआर की कॉपी डाउनलोड करते थे. इसकी फाइल हमेशा उनके पास होती थी. इससे अधिकारियों को लगता था कि कुरैशी सीबीआई का ही अधिकारी है. उसने सीबीआई के नाम पर विजिटिंग कार्ड भी बना रखा था.

आरोपी अधिकारियों से वसूली करने के साथ अपनी अय्याशी के लिए भी खर्च करवाते थे. उनसे फ्लाइट की टिकट और पांच सितारा होटलों में कमरे भी बुक करवाते थे. सीबीआई ने उसके संपर्क में आने वाले अधिकारियों का पता लगाने के लिए सीडीआर भी निकाला है. शनिवार को सीबीआई ने निहाल को विशेष अदालत में पेश किया. न्यायालय ने उसे 5 दिसंबर तक रिमांड में रखने के आदेश दिए है.