Institutions waiting for RTE grant for 3 years

  • बोरगांव, येरला के सरपंचों ने जारी किये थे प्रमाण पत्र

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नागपुर. सभी को शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के अंतर्गत प्रवेश पाने के लिए पालक तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं. किराये के घर का बोगस प्रमाण पत्र से लेकर फर्जी आय प्रमाण पत्र तक बना रहे हैं. पिछले दिनों बोरगांव आष्टी और येरला ग्राम पंचायत ने परिसर की एक स्कूल में प्रवेश के लिए कुछ पालकों को निवासी प्रमाण पत्र बनाकर दिया. नियमानुसार सरपंचों को आरटीई प्रवेश के लिए निवासी दाखिला देने का उल्लेख नहीं है.

कुछ पालकों द्वारा पहले निवासी दाखिला लिया गया, लेकिन किराया पत्र के आधार पर उसमें ग्राम पंचायत के किराया टैक्स की पावती नहीं जोड़ी गई. सरपंचों ने बिना टैक्स लिए प्रमाण पत्र जारी कर दिया. आवेदनों के साथ दस्तावेजों में टैक्स की पावती जोड़ी नहीं गई. वेरिफिकेशन कमेटी ने भी इस मामले में योग्य तरीके से पड़ताल नहीं की. इस संबंध में ग्राम पंचायत निवासी रोशन खाड़े द्वारा जिलाधिकारी को तथा कार्यकारी अधिकारी और ब्लॉक विकास अधिकारी से शिकायत की गई थी.

शिकायत में बताया गया था कि दोनों ग्राम पंचायत के सरपंच और उपसरपंचों ने अपने अधिकार का उल्लंघन करते हुए निवासी प्रमाण पत्र जारी किये. आरटीई एक्शन कमेटी ने भी ग्रामीण अधिनियम १९५८ धारा 3९/१ के अंतर्गत कार्रवाई करने की मांग की थी. इस संबंध में उप जिलाधिकारी ने उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी पंचायत विभाग जिप को पत्र जारी कर मामले की योग्य जांच कर कार्यवाही करने के आदेश दिये है.