विकास शुल्क दर वृद्धि रद्द, उप मुख्यमंत्री फडणवीस के आदेश से बड़ी राहत

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    नागपुर. सिटी में विकास शुल्क में 100 प्रतिशत वृद्धि को लेकर मनपा आयुक्त ने 15 जनवरी 2021 को अधिसूचना जारी की थी. इसके खिलाफ जहां प्रवीण दटके ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था वहीं राज्य सरकार के पास भी निवेदन किया था. हाई कोर्ट की याचिका तो प्रलंबित है लेकिन राज्य सरकार के स्तर पर इसका निपटारा किया गया.

    मंगलवार को उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सिटी में निर्माण कार्य की अनुमति के लिए विकास शुल्क में की गई 100 प्रतिशत की वृद्धि को रद्द करने के निर्देश जारी कर दिए जिससे सिटी के सम्पत्तिधारकों को बड़ी राहत मिली है. सिटी के विभिन्न मसलों को लेकर मुंबई के सह्याद्री अतिथि गृह पर बैठक ली गई. 

    दोगुना कर दिया था विकास शुल्क

    उल्लेखनीय है कि मनपा की सभा की मंजूरी के बिना प्रशासकीय स्तर पर ही इसका निर्णय लिया गया था. इस निर्णय के अनुसार निर्माण की अनुमति के लिए एमआरटीपी एक्ट के अंतर्गत विकास शुल्क में 100 प्रतिशत की वृद्धि कर दी गई. इसके अलावा विकास शुल्क वर्ष 2016 से वसूल करने के निर्देश दिए गए थे.

    इस तरह से अचानक दर वृद्धि के कारण सामान्य लोगों तथा बिल्डर और डेवलपर्स पर बड़ा संकट आ गया था. इसके पूर्व विकास शुल्क में निवासी निर्माण कार्य के लिए 2 प्रतिशत तथा व्यावसायिक निर्माण के लिए 4 प्रतिशत शुल्क लिया जाता था किंतु अचानक इसे दोगुना कर दिया गया था. इसके अनुसार आवासीय निर्माण के लिए 4 प्रतिशत तथा व्यावसायिक निर्माण के लिए 8 प्रतिशत शुल्क लेने का निर्णय लिया गया.

    प्रशासकीय स्तर पर जारी थी वसूली

    उल्लेखनीय है कि मनपा की आम सभा में 22 जुलाई 2021 को एक प्रस्ताव रखा गया था. तत्कालीन सत्तापक्ष नेता अविनाश ठाकरे ने सदन में प्रस्ताव रख इस दर वृद्धि को रद्द करने की मांग सदन से की थी. सदन ने एकमत से इस प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की थी. मनपा की सभा द्वारा आयुक्त का प्रस्ताव रद्द किए जाने के बावजूद प्रशासकीय स्तर पर इसका अमल जारी था.

    यहां तक कि मनपा की सभा के इस प्रस्ताव को खारिज करने के लिए मनपा आयुक्त ने राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा था. मंगलवार को मुंबई में हुई बैठक के दौरान विधायक प्रवीण दटके ने हाई कोर्ट में चल रही न्यायिक लड़ाई पर भी फडणवीस का ध्यानाकर्षित किया. इसके बाद फडणवीस ने यह निर्णय रद्द करने के आदेश प्रशासन को दिए.