- ऑनलाइन कोर्स बताकर छात्रों के नाम पर लिया पर्सनल लोन
- 37.66 लाख रुपये की लगाई चपत
नागपुर. ऑनलाइन कोर्स के नाम पर छात्रों के साथ धोखाधड़ी करने वाली बेंगलुरु की गीकलर्न एजुटेक सर्विसेस प्रा.लि. कंपनी और उसके संचालक के खिलाफ एमआईडीसी पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. कंपनी ने ऑनलाइन कोर्स करवाने के बहाने सिटी के 16 छात्रों के नाम पर निजी फाइनेंस कंपनी से पर्सनल लोन ले लिया लेकिन कोर्स नहीं करवाया. बाद में फाइनेंस कंपनियों ने छात्रों को परेशान करना शुरू कर दिया. सिटी में फंसे छात्रों को 37.66 लाख रुपये की चपत लगाई गई. वैसे इस कंपनी के खिलाफ देशभर में शिकायतें की जा चुकी हैं. कम से कम 2,000 छात्रों के फंसने की जानकारी है. कुछ दिन पहले ही बेंगलुरु में भी कंपनी के संचालक और मैनेजिंग डायरेक्टर कमलापुरम श्रीनिवास कल्याण के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था.
अब एमआईडीसी पुलिस ने वानाडोंगरी निवासी गौरव नागेंद्रकुमार श्रीवास्तव (39) की शिकायत पर एफआईआर की है. गौरव को डेटा साइंस आर्किटेक्ट प्रोग्राम कोर्स में प्रवेश लेना था. सितंबर 2022 में गीकलर्न एजुटेक के बारे में पता चला. कंपनी के प्रतिनिधि ने बताया कि कोर्स की फीस 2.78 लाख रुपये होगी. इसके लिए उनके फाइनेंस पार्टनर द्वारा एजुकेशन लोन भी मिल जाएगा. कंपनी द्वारा स्टाइफंड भी दिया जाएगा. लोन अदा करने के लिए 36 महीनों की किस्त होगी.
जॉब नहीं मिलने पर कंपनी ने दिया लोन भरने झांसा
बताया गया कि कोर्स पूरा होने के बाद 24 महीने के भीतर नौकरी मिलने पर बकाया रकम छात्र को भरनी होगी. यदि जॉब नहीं मिली तो पूरी रकम कंपनी भरेगी. प्रोसेसिंग और पंजीयन करने के लिए गौरव से आधार कार्ड, पैन कार्ड, लाइव फोटो, बैंक स्टेटमेंट और डिजिटल हस्ताक्षर मांगे गए और एग्रीमेंट भी किया गया. बाद में तकनीकी कारण बताकर ऑनलाइन क्लासेस बंद कर दी गईं.
कुछ दिन बाद गौरव को पता चला कि एजुटेक ने शैक्षणिक लोन की बजाय पर्सनल लोन लिया है. लोन देने वाली फाइनेंस कंपनी ने किस्त भरने के लिए गौरव को परेशान करना शुरू कर दिया. उन्होंने प्रकरण की शिकायत पुलिस से की. तब पता चला कि उनके अलावा और 15 छात्र हैं जिनके साथ कंपनी ने धोखाधड़ी की है. सभी ने संयुक्त रूप से शिकायत दर्ज करवाई. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की है.
एडुब्रिज पर भी दर्ज हो मामला
इसी तरह की धोखाधड़ी निकिता नामक छात्रा के साथ भी हुई. उसने एडुब्रिज नामक ऑनलाइन कोर्स चलाने वाली कोचिंग में रजिस्ट्रेशन करवाया था. एडुब्रिज ने रजिस्ट्रेशन के नाम पर 3,000 रुपये लिए. उसके नाम पर फाइनेंस कंपनी से 30,000 रुपये का पर्सनल लोन लिया गया. निकिता ने बताया कि उसने लोन के लिए आवेदन भी नहीं दिया था. बिना कोई जांच किए फाइनेंस कंपनी ने भी उसके नाम पर लोन जारी कर दिया. ऑनलाइन क्लास तो कभी हुई ही नहीं लेकिन फाइनेंस कंपनी के लोगों ने उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया.
इससे उसका सिविल स्कोर खराब हो गया है. एडुब्रिज ने भी सिटी में कम से कम 30 लोगों को फंसाया है. वह शिकायत करने के लिए साइबर पुलिस स्टेशन और हुड़केश्वर पुलिस स्टेशन गई थी. पुलिस ने कहा कि इतनी छोटी रकम के लिए कौन मामला दर्ज करेगा. उसे नंबर ब्लॉक करने और फाइनेंस कंपनी के प्रतिनिधि के आने पर पुलिस को सूचित करने को कहा गया. निकिता ने बताया कि इंटरनेट पर कंज्युमर कंप्लेंट फोरम पर एडुब्रिज के खिलाफ भी सैकड़ों शिकायतें दर्ज हैं. इस कंपनी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाना चाहिए.