bird flu
बर्ड फ्लू (fफाइल फोटो)

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नागपुर. शहर के रीजनल हैचरी  में बर्ड-फ्लू के होने की पुष्टि के बाद जिला प्रशासन ने हैचरी  के 1 किमी परिसर को बर्ड-फ्लू बाधित क्षेत्र के रूप में घोषित कर दिया. इसके अलावा 10 किमी के रेंज को निगरानी क्षेत्र के रूप में घोषित कर अलर्ट जारी किया गया है लेकिन बावजूद इसके दूसरे दिन इस पूरे एरिया में ब्रायलर, कॉकरेल सहित सभी प्रजाति की मुर्गियां व अंडे धड़ल्ले से बेचे जाते रहे हैं. सेमिनरी हिल्स स्थित नागपुर प्रादेशिक अंडी उबवणी केन्द्र (हैचरी ) से ही कुछ सौ मीटर की दूरी पर रोड के किनारे चिकन विक्रेताओं की दूकानें सजी रहीं. संबंधित विभाग की ओर से किसी तरह की जांच तक नहीं की गई.

बर्ड फ्लू जैसे गंभीर संकट को भी गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है. संबंधित विभाग की इस घोर लापरवाही के चलते कहीं शहरवासियों का स्वास्थ्य ही खतरे में न जाए. 10 किमी निगरानी क्षेत्र के भीतर धड़ल्ले से चिकन अंडे बेचे जाते रहे हैं. गोकुलपेठ मार्केट में दूकानें खुली रहीं. वहीं रामनगर चौक पर स्थित लजीज सेन्टर में भी चिकन बिकता रहा. दूकानदारों का कहना था कि उन्हें बिक्री बंद करने के किसी भी तरह के निर्देश नहीं मिले हैं.

15 कर्मचारियों की जांच

इधर बाधित हैचरी  में कार्यरत 15 कर्मचारियों की मनपा स्वास्थ्य विभाग की ओर से जांच की गई. किसी के भी संक्रमित होने के सिम्टम्स नहीं मिलने से प्रशासन ने राहत की सांस ली. हालांकि कर्मचारियों के रक्त के नमूने जांच के लिए पुणे लैब भेजे जाएंगे. इधर जिप पशु संवर्धन विभाग उपायुक्त मंजूषा पुंडलिक ने बताया कि हैचरी  के अतिरिक्त किसी भी भाग में मुर्गियों में बर्ड-फ्लू नहीं पाया गया. घबराने या पैनिक होने की जरूरत नहीं है. 

हैचरी  के अलावा जिले में कहीं बर्ड-फ्लू नहीं: जिलाधिकारी ने की पुष्टि

इधर जिलाधिकारी इटनकर ने स्पष्ट किया है कि बर्ड फ्लू को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है. वायुसेनानगर स्थित रीजनल हैचरी के अतिरिक्त जिले में कहीं भी बर्ड-फ्लू का प्रादुर्भाव नहीं है. दूसरे क्षेत्रों में बर्ड फ्लू न फैले इसके लिए प्रतिबंधात्मक उपायोजना की गई है. इस संदर्भ में स्वास्थ्य विभाग के साथ बैठक भी ली गई. स्वास्थ्य विभाग की उपसंचालिका डॉ. कांचन वानेरे ने बताया कि देश में पक्षियों से बर्ड-फ्लू किसी मनुष्य पर आने का प्रमाण नगण्य है. देश में ऐसा एक भी मामला नहीं है. बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता व उपाययोजना का नियोजन किया है. बैठक में जिला पशुसंवर्धन अधिकारी डॉ. कविता मोरे, सहायक संचालक स्वास्थ डॉ. प्रदीप आवटे, डॉ. प्रमोद गवई व अन्य अधिकारी उपस्थित थे. इस संदर्भ में किसी तरह की अफवाह पर ध्यान नहीं देने की अपील भी की गई.