Sunil Kedar
सुनील केदार

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नागपुर. महाविकास आघाड़ी सरकार के पूर्व मंत्री सुनील केदार ने कहा कि पार्टी में जमीन से जुड़े कार्यकर्ता सजग हो गए हैं. जो भी नेता पार्टी को हानि पहुंचाने की कोशिश करेगा, वह दरकिनार कर दिया जाएगा. ‘नवभारत’ से चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता ने कहा कि यह जुमला गलत है कि ‘कांग्रेस ही कांग्रेस को हराती है’. उन्होंने कहा कि इसका जवाब 16 अप्रैल को हुई मविआ की वज्रमूठ सभा है. सभा में उमड़ा जनसमुदाय यहीं का था. किसी को बाहर से नहीं लाए थे. जमीन से जुड़े कार्यकर्ता समझ चुके हैं कि कौन पार्टी हित में कार्य करते हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा हमारे लिए चुनौती तो है लेकिन हम कमजोर नहीं हैं. हमें चुनाव का सामना ‘लड़ना है’ के जब्जे के साथ करना होगा. हर बूथ पर चुनाव जीतने की रणनीति बनाकर उस पैटर्न से काम करना होगा तो जीत संभव है. चर्चा के दौरान पूर्व मंत्री रमेश बंग भी उपस्थित थे. 

किसी के जाने से फर्क नहीं पड़ता

राकां नेता अजीत पवार के कुछ विधायकों के साथ भाजपा में जाने की चर्चा के संदर्भ में केदार ने कहा कि किसी के जाने से महाविकास आघाड़ी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा बल्कि आघाड़ी से जनता का जुड़ाव बढ़ेगा. एकनाथ शिंदे गुट के भाजपा के साथ जाने से उद्धव ठाकरे की शिवसेना के वोट बैंक में कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. उद्धव, आदित्य ठाकरे, रश्मि ठाकरे की सभाओं में उमड़ने वाली भीड़ केवल भीड़ नहीं होती. ठाकरे परिवार के साथ जनता है. जनता काम देखती है.

कोरोना संकट काल में धारावी को जिस तरह से उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में मविआ ने संभाला उसकी तारीफ तो सुप्रीम कोर्ट ने भी की. उसी दौर में आर्थिक संकट के बावजूद किसानों को मदद पहुंचाई गई. सरकार बदलते ही सारे विकास कार्यों पर स्टे लगा दिया गया. हमें कोर्ट जाना पड़ा. दरअसल, इस सरकार की विकास कार्यों को रोकने की मंशा ‘नॉन प्लान’ पर अधिक खर्च करने की है ताकि रेवड़ियां बांटी जा सकें. 

शिवसेना को फायदा मिलेगा

केदार ने स्वीकार किया कि शिवसेना के साथ आघाड़ी है. उसका कैडर है जिसमें जज्बा है. हिन्दू वोट हैं. कांग्रेस-राकां का भी हिन्दुत्व डाल्यूट हो जाएगा. केन्द्र में कांग्रेस की स्थिति पर उन्होंने कहा कि जिन नेताओं ने पार्टी में रहकर दशकों तक सत्ता भोगा वे मुसीबत में साथ छोड़ गए. इन लोगों ने पार्टी की बजाय अपने अहंकार को महत्व दिया. फिर भी पूरे दम के साथ लड़ रहे हैं.

कर्नाटक में और मजबूत हो रहे हैं. एक सवाल के जवाब में कहा कि बीजेपी की मंशा और प्लानिंग बिल्कुल साफ है. उन्हें केन्द्र अपने पास चाहिए. कोई राज्य उनके हाथ गया भी तो उसमें रुचि नहीं है. केन्द्र में सत्ता रही तो राज्यों में तो कभी भी कुछ भी कर सकते हैं. बीजेपी के दिमाग में एनसीपी के वोटों का कैल्कुलेशन चल रहा है. लोकसभा चुनाव में वह इसका लाभ लेने के लिए कुछ जरूर करना चाहेगी. 

खोपड़े ने पढ़ी हनुमान चालीसा, आशीर्वाद मविआ को

वज्रमूठ सभा की अपार सफलता पर चुटकी लेते हुए केदार ने कहा कि कृष्णा खोपड़े ने हनुमान चालीसा पढ़ी लेकिन हनुमान जी ने आशीर्वाद मविआ को दिया. उन्होंने कहा कि आगामी मनपा चुनाव मविआ एक साथ लड़ेगी. हम कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत एक साथ आए हैं. किसे कितनी सीटें मिलेंगी, यह बात महत्वपूर्ण नहीं है.