नागपुर. धोखाधड़ी का प्रकरण निपटाने की एवज में एक व्यक्ति से 40,000 रुपये की रिश्वत लेने वाले पुलिस हेड कांस्टेबल और दलाल को एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने रंगेहाथ गिरफ्तार किया. पकड़े गए आरोपियों में अजनी थाने के हवलदार नीलेश रामदास इंगले (44) और दलाल बाबुलखेड़ा निवासी प्रकाश उर्फ बालू हरीशचंद्र चिकाटे (45) का समावेश है.
शिकायतकर्ता के बेटे ने 2 वर्ष पहले एक महिला को 12 लाख रुपये का लोन दिलाने के नाम पर 3 लाख रुपये लिए थे. महिला को लोन नहीं मिला. महिला ने उसके खिलाफ अजनी पुलिस से शिकायत की. शुरुआत में प्रकरण एपीआई भोसले को सौंपा गया था. पुलिस स्टेशन में दोनों का समझौता हो गया लेकिन बाद में युवक ने पैसे नहीं दिए.
महिला ने दोबारा प्रकरण की शिकायत अजनी पुलिस से की. प्रकरण की जांच किसी परिवीक्षाधीन अधिकारी को सौंपी गई लेकिन हवलदार नीलेश इंगले ही जांच कर रहे थे. युवक को जांच के लिए थाने बुलाया गया. थाने में पुलिसकर्मियों के लिए सेटिंग का काम करने वाले बालू चिकाटे ने युवक के पिता को प्रकरण निपटाने का भरोसा दिलाया और हवलदार नीलेश से मुलाकात करवाई. नीलेश ने प्रकरण निपटाने की एवज में 40,000 रुपये बतौर रिश्वत मांगे. युवक के पिता ने एसीबी से शिकायत कर दी.
एसपी राहुल माकणीकर और एडिश्नल एसपी मधुकर गीते के मार्गदर्शन में डीवायएसपी अभय आष्टेकर ने वेरिफिकेशन किया. जांच में शिकायत सही पाई गई और सोमवार की शाम अजनी थाने में ही जाल बिछाया गया.
बालू चिकाटे ने थाने के डीबी रूम में शिकायतकर्ता से 40,000 रुपये लेकर नीलेश को दिए. जैसे ही नीलेश ने रकम ली, एसीबी के इंस्पेक्टर यूनुस शेख, हेड कांस्टेबल शिरसाट, महेश सेलोकर, भागवत वानखेड़े और सदानंद ने उसे दबोच लिया. एसीबी का ट्रैप होने से पूरे थाने में हड़कंप मच गया. दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार प्रतिबंधक कानून के तहत मामला दर्ज किया गया. मंगलवार को उन्हें न्यायालय में पेश कर कस्टडी मांगी जाएगी.