GMCH Trauma Centre

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नागपुर. शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय व अस्पताल में रात में अक्सर अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिलता है. अचानक मरीजों की संख्या बढ़ने पर कैजुअल्टी में लापरवाही भी सामने आती है. इसी तरह की स्थिति शुक्रवार रात को देखने को मिली. ट्रामा यूनिट सेंटर में एक मरीज को स्ट्रेचर पर ही रखकर वेंटिलेटर लगाया गया. डॉक्टरों ने काफी देर तक जांच नहीं की लेकिन जब इलाज के लिए आये तब तक मृत्यु हो चुकी थी. मृत्यु के बाद शव 5 घंटे से अधिक समय तक स्ट्रेचर पर ही पड़ा रहा.

शुक्रवार की रातफेटर निवासी 62 वर्षीय वसंत इंगले को परिजन मेडिकल की कैजुअल्टी में इलाज के लिए लेकर आये थे. मामला गंभीर होने के कारण यहां से उसे ट्रामा सेंटर रेफर किया गया. घरेलू विवाद में मारपीट की वजह से गंभीर रूप से घायल हो गया था. उसे स्ट्रेचर पर ही रखकर ही वेंटिलेटर लगाया गया. रात भर मरीज उसी अवस्था में पड़ा रहा. जब परिजनों ने डॉक्टरों से पूछताछ की तब वे मरीज के पास गये लेकिन जब जांच की तो पता चला कि उसकी मौत हो चुकी है. परिजनों ने बताया कि मृतक को भर्ती करने के लिए बेड ही नहीं मिल सका. मृत्यु के बाद दोपहर तक शव स्ट्रेचर पर पड़ा रहा. इसके पश्चात दोपहर करीब 2 बजे शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. पुलिस कार्यवाही होने तक शव परिजनों को नहीं सौंपा गया. 

मामले की जांच होगी

घरेलू विवाद का मामला होने के कारण ट्रीटमेंट कार्ड पर एमएलसी केस लिखा था जबकि एमएलसी केस की पहले जांच की जाती है. ट्रामा सेंटर में रिफर करने का ही मतलब था कि मामला गंभीर है. इसके बाद भी डॉक्टरों ने गंभीरता नहीं दिखाई. मृत्यु के बाद परिजनों ने कलमेश्वर पुलिस थाने को सूचित किया. बताया जाता है कि रात में कैजुअल्टी सहित ट्रामा में निवासी डॉक्टर ही होते हैं. इस वजह से अक्सर इलाज में देरी होती है. इस मामले में वैद्यकीय अधीक्षक डॉ. अविनाश गावंडे ने बताया कि मृतक के परिजनों ने किसी भी तरह की शिकायत नहीं की. इसके बावजूद मामले की जांच की जाएगी. यदि डॉक्टरों की लापरवाही सामने आई तो अवश्य ही कार्रवाई की जाएगी.