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नागपुर. प्रवेश परीक्षाओं के लिए छात्र कड़ी मेहनत करते हैं. इन परीक्षाओं के माध्यम से ही करिअर की राह आसान होती है लेकिन शनिवार को राज्यभर में प्रबंधन पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए ली गई सीईटी में भारी गड़बड़ी ने कई छात्रों को न केवल निराश किया, बल्कि प्रवेश से वंचित रहने की नौबत ला दी है. कई केंद्रों पर सर्वर में गड़बड़ी से लॉगिन ही नहीं हो सका. वहीं कुछ जगह ढाई घंटे का पेपर 4 घंटे तक चलता रहा. छात्रों के साथ ही पालकों ने भी कई केंद्रों पर हंगामा किया.

प्रबंधन पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए एमबीए-सीईटी ली गई. परीक्षा राज्यभर के विविध केंद्रों पर ली गई. पूर्व निर्धारित टाइम टेबल के अनुसार परीक्षा ढाई घंटे यानी सुबह 9 से 11.30 बजे तक ली जानी थी. इसके लिए छात्रों को केंद्रों में 8.30 बजे तक प्रवेश दिया गया लेकिन ढाई घंटे बाद कुछ छात्रों का टाइम आउट हो गया. जबकि कई छात्र दोपहर 12 और कुछ तो दोपहर 1 बजे तक पेपर देते रहे. इन छात्रों के कम्प्यूटर पर टाइम आउट होने की अवधि बढ़ी हुई थी. नियमानुसार ढाई घंटे का पेपर होने पर सभी छात्रों का टाइम आउट एक साथ ही होना था लेकिन सभी के कम्प्यूटर में अंतर होने से छात्रों को कुछ समझ ही नहीं आया.

छात्र NTA को करें मेल :  डीटीई

इससे पहले डीटीई द्वारा परीक्षा ली जाती थी लेकिन जब से नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए)द्वारा परीक्षा ली जा रही है, तकनीकी खामियां सामने आ रही है. इस बार एनटीए ने बेंगलुरु की एडिक्विटी नामक निजी एजेंसी को महाराष्ट्र में परीक्षा लेने की जिम्मेदारी सौंपी थी. प्राध्यापकों ने बताया कि जिस तरह से पेपर सेट किया गया था, वह ढाई घंटे नहीं बल्कि 3 घंटे का था. कुछ कॉलेजों में तो अनेक छात्रों का लॉगिन ही नहीं हुआ. इस वजह से उन्हें दूसरी शिफ्ट में शामिल करना पड़ा. किसी को ढाई घंटे तो किसी को 3-4 घंटे का समय मिलने से छात्र भड़क उठे.

इस संबंध में जब केंद्र प्रमुखों से चर्चा की तो उनका कहना था कि इसमें केंद्र का कोई हस्तक्षेप नहीं है. पेपर एनटीए द्वारा लिया जाता है. राज्यभर में सर्वर के माध्यम से एक साथ परीक्षा ली जाती है. केंद्रों पर हंगामे की खबर के बाद तकनीकी शिक्षा विभाग के अधिकारी पहुंचे लेकिन वे भी गड़बड़ी पर जवाब देने में असमर्थ थे. जिन छात्रों को ढाई घंटे का समय मिला, उन्हें एनटीए को मेल करने को कहा गया है.