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    नागपुर. जिलाधिकारी विमला आर. ने कहा कि दिव्यांग समाज के दुर्लक्षित घटक हैं इसलिए नागरिकों को उनके सर्वांगीण विकास के लिए मदद का हाथ बढ़ाना जरूरी है. भले ही वे शरीर के किसी अंग से कमजोर हों लेकिन उनकी प्रतिभा किसी भी सामान्यजन से कम नहीं होती. विश्व दिव्यांग दिवस निमित्त शंकरनगर स्थित मूक व बधिर विद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में वे बोल रही थीं.

    इस अवसर पर जिप सीईओ योगेश कुंभेजकर, समाज कल्याण विभाग के प्रादेशिक उपायुक्त सिद्धार्थ गायकवाड, जिला विधि सेवा प्राधिकरण के सचिव देशमुख, एडिशनल सीईओ कमलकिशोर फुटाणे, समाज कल्याण अधिकारी किशोर भोयर, आशीष बोथरा, जया शिवरकर उपस्थित थे. कलेक्टर ने कहा कि दिव्यांगों का उचित मार्गदर्शन कर उनकी प्रतिभा को गति देने का काम करना आवश्यक है. 

    1,600 प्रमाणपत्रों का वितरण

    सीईओ कुंभेजकर ने कहा कि जिला परिषद स्वास्थ्य विभाग की ओर से दिव्यांगों की नेल्सन व मेयो में उपचार की सुविधा दी जा रही है. जिप द्वारा अपंगत्व प्रमाणपत्र के लिए कैम्प लगाए जा रहे हैं. अब तक 1,600 प्रमाणपत्रों का वितरण किया जा चुका है. दिव्यांग व उनके पालक के कल्याण के लिए घरकुल योजना भी अमल में लाई जा रही है.

    प्रांजल पाटिल ने कहा कि दिव्यांग अधिकारियों से प्रेरणा लेकर दिव्यांगों को शिक्षा के क्षेत्र में अपना नाम कमाना चाहिए. प्रस्तावना गायकवाड़ ने रखी. श्याम पाटिल, अर्चना राठौड़ व अन्य शिक्षकों का सत्कार किया गया. आभार प्रदर्शन डॉ. सांगोले ने किया. बड़ी संख्या में दिव्यांग विद्यार्थी, शिक्षक, कर्मचारी उपस्थित थे.