RAKESH TIKAIT

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    नागपुर. संयुक्त किसान मोर्चा के नेता रोकश टिकैत ने कहा कि विदर्भ में किसानों के माल को योग्य भाव नहीं मिलने से बड़ी संख्या आत्महत्या करते हैं लेकिन यह समस्या का हल नहीं है. किसानों को आत्महत्या न करते हुए एकत्रित होकर तीव्र आंदोलन करने की जरूरत है, तभी सरकार नींद से जागेगी. वे बहुजन संघर्ष समिति की ओर से देशपांडे सभागृह में आयोजित किसान सभा में बोल रहे थे. अध्यक्षता नागेश चौधरी ने की. पूर्व मंत्री, विधायक सुनील केदार, किसान मोर्चा के मलकीयत सिंह बहल, मौलाना हाफिज मोहम्मद आदि उपस्थित थे.

    उन्होंने कहा कि जब कपास प्रति क्विंटल 76 रुपये बेचा जाता था तब शासकीय कर्मचारियों का वेतन 70 रुपये प्रति महीना हुआ करता था. उसी वक्त एक तोला सोना ढाई क्विंटल कपास बेच कर खरीदा जा सकता था. उस वक्त फसल को अच्छी कीमत मिलती थी लेकिन वर्तमान में किसानों के माल की कीमत किसान नहीं बल्कि ठोक बाजार के व्यापारी तय करते हैं. यही व्यापारी कम कीमत में माल खरीदकर सर्वाधिक मुनाफा कमाते हैं.

    किसानों को छेड़ोंगे तो फिर से आंदोलन 

    नागपुर,भंडारा, गोंदिया भाग के धान उत्पादक किसानों से गारंटी मूल्य से आधी कीमत में धान खरीदा जाता है. सरकार आधारभूत कीमत के बारे में बोलने को तैयार नहीं है. यही वजह है कि हम आधारभूत कीमत कानून बनाने की मांग कर रहे हैं. केंद्र सरकार ने 3 कृषि कानून वापस लेने के बाद भी गारंटी मूल्य कानून नहीं बनाया गया. कृषि प्रधान देश यह ऋषियों का भी है. केंद्र सरकार सुधारित बीज, खाद बाजार में ला रही है. यह धान उत्पादन बंद करने की केंद्र की साजिश दिखाई दे रही है.

    कृषि व ऋषि दोनों को छेड़ने का प्रयास किया गया तो देश में फिर से आंदोलन होगा. उन्होंने कहा कि एफसीआई गोदाम निजी कंपनियों को दिये जा रहे हैं. उद्योग, महामार्ग, कृषि आदि सभी निजी उद्योगपतियों को सौंपा जा रहा है. इसके लिए कानून में भी बदलाव किये जा रहे है. विनेशकों के हाथों कृषि क्षेत्र सौंपने का षड्यंत्र रचा जा रहा है.