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    • 750 कर्मचारी विवि के 
    • 1,500 कर्मचारी कॉलेजों के शामिल

    नागपुर. राज्य के गैरकृषि विश्वविद्यालय तथा अनुदानित महाविद्यालयों में शिक्षकेत्तर कर्मचारी और अधिकारियों की हड़ताल से कामकाज ठप हो गया है. बार-बार चर्चा और आंदोलन के बाद भी सरकार द्वारा ध्यान नहीं दिये जाने का ही नतीजा है कि इस बार अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है. जब तक मांगें मान्य नहीं होती,तब तक हड़ताल जारी रखने संबंधी निर्णय ने मुश्किलें बढ़ा दी है. शीत सत्र परीक्षाओं से पहले आंदोलन की वजह से विभागों में सन्नाटा छाया है.

    हड़ताल में विवि के करीब 750 व अनुदानित महाविद्यालयों के करीब 1,500 कर्मचारी शामिल हुये हैं. हड़ताल में ठेकेदारी पद्धति पर कार्य करने वाले कर्मचारी शामिल नहीं हुये है. वहीं सेवानिवृत कर्मचारियों ने भी अपना समर्थन दर्शाया है. आरटीएम नागपुर विवि का करीब 90 फीसदी कामकाज ठप हो गया है. महज 10 फीसदी ठेका कर्मचारियों के भरोसे व्यवस्था चलाई जा रही है. विवि बहुजन कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष चंद्रशेखर शेलके ने बताया कि मांगें पूर्ण होने तक आंदोलन जारी रहेगा. इसके लिए फिर कितना भी समय क्यों न लगे. कर्मचारियों ने वेतन आयोग व आश्वासित प्रगति योजना सहित अन्य मांगों को लेकर हड़ताल शुरू की है. इसे उप कुलपति और कुलसचिव ने भी अपना समर्थन दिया है.

    परीक्षाओं पर पड़ेगा असर

    विवि की शीत सत्र परीक्षाएं आरंभ होने वाली है. इस हालत में प्रवेश पत्र तैयार करने सहित अन्य कामकाज प्रभावित हो रहा है. यदि हड़ताल ज्यादा दिनों तक चली तो विवि को परीक्षाओं का शेड्यूल भी बदलना पड़ सकता है. विभागों में कर्मचारी नहीं होने से छात्रों के विविध प्रमाण पत्र सहित अन्य कार्य भी नहीं हो रहे हैं. परीक्षा भवन में आने वाले छात्र बैरंग लौट रहे हैं. वहीं कॉलेजों में भी यही स्थिति है. लाइब्रेरी में किताबें देने वाला कोई नहीं होने से ताला लग गया है. वहीं सभी तरह के पत्र व्यवहार भी बंद हो गये हैं.

    हड़ताल की चेतावनी देने के बाद 15 दिसंबर को मंत्री उदय सावंत के साथ बैठक हुई. इसके बाद 16 को भी बैठक ली गई,लेकिन इस बैठक को बीच में छोड़कर ही निकल गये. यही वजह रही कि कर्मचारियों को सरकार के रवैये से निराश होकर हड़ताल का रास्ता अपनाना पड़ा. अब जब तक सरकार द्वारा लिखित आश्वासन नहीं मिल जाता, तब तक आंदोलन जारी रखा जाएगा. 

    -अजय देशमुख, अध्यक्ष, मरा विवि शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ

    सरकार के सभी विभागों के कर्मचारियों को वेतन आयोग व आश्वासित प्रगति योजना लाभ मिल रहा है. अनुदानित महाविद्यालय के कर्मचारियों को ही इस लाभ से वंचित रखा गया है. यही वजह है कि महाविद्यालयीन कर्मचारियों में भी असंतोष का माहौल है. सरकार द्वारा जल्द से जल्द ध्यान देने की जरूरत है.

    – संदीप हिवरकर, अध्यक्ष, अनुदानित महाविद्यालय शिक्षकेत्तर कर्मचारी संगठन