Aditi Tatkare

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नागपुर. महिला व बाल कल्याण विभाग के लिए जिला नियोजन की निधि में 3 प्रतिशत निधि आरक्षित रखी जाती है. विभिन्न योजनाओं का लाभ देते समय निधि मंजूरी के अधिकार स्थानीय पालक मंत्री व जिलाधिकारी के पास है. जिसके बाद प्रस्ताव सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा जाता है. एक माह के भीतर उस पर निर्णय लिया जाता है.

इस प्रक्रिया में लाभ मिलने के लिए देरी होती हो तो लाभार्थी लाभ से वंचित रहते हो तो निधि वितरण की प्रक्रिया को सुलभ करने का आश्वासन महिला व बाल कल्याण मंत्री अदिति तटकरे ने सदन में दी. राज्य के अनाथ बच्चों के कल्याणार्थ सदस्य बच्चू कड़ू की ओर से विशेष बैठक में प्रश्न पूछा गया. उन्होंने कहा कि अनाथ बच्चों के बालगृह में ही संजय गांधी योजना, बाल संगोपन योजना का लाभ दिया जाना चाहिए. विभिन्न बैंकों से समन्वय करने के बाद 18 से 21 वर्ष के बाद बालगृह से बाहर निकलने पर उनके खाते में 7 से 8 लाख रुपए जमा होते हैं. 

2019 से लंबित है प्रस्ताव

कड़ू ने कहा कि वर्ष 2019 से प्रस्ताव लंबित है. उनके लिए आरक्षित निधि खर्च नहीं होती है. बाहर आने के बाद उनके सिर पर छत नहीं होती. सिडको, म्हाड़ा के माध्यम से घर की व्यवस्था हो सकती है. उन्हें रोजगार मिलने तक सहयोग राशि देने की मांग भी की. जवाब देते हुए तटकरे ने कहा कि अनाथों के आरक्षण के लिए उनकी वर्गवारी, खुले प्रवर्ग में से 1 प्रतिशत आरक्षण के बदले उपलब्ध जगह के 1 प्रतिशत आरक्षण रखने का आश्वासन उन्होंने दिया.  

115 बच्चों को सरकारी नौकरी

उन्होंने बताया कि 115 बच्चों को सरकारी नौकरी दी गई है. बाल न्याय निधि में से उनकी उच्च शिक्षा के लिए शैक्षणिक शुल्क की प्रतिपूर्ति की जाती है. पीला राशनकार्ड, 18 वर्ष से ऊपर के अनाथ बच्चों को संजय गांधी निराधार योजना का लाभ देने के लिए नीतिगत निर्णय लिया गया है. अब तक 6,447 अनाथ बालकों को अनाथ प्रमाणपत्र वितरित किए गए. बच्चों को सरकारी, अर्ध सरकारी व सरकार अनुदानित संस्थाओं में नौकरी में तथा सभी शिक्षा संस्थानों में उपलब्ध पदों का 1 प्रतिशत आरक्षण उपलब्ध कराया गया है. विभाग में ठेका पद्धति की नौकरियों में भी प्राथमिकता है.

सरकार के सभी विभागों के कल्याणकारी योजना के योग्य अनाथों को लाभ दिया जाता है. जिससे अलग-अलग आरक्षण करने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि राज्य में छात्राओं के लिए 1 तथा छात्रों के लिए 6 अनुरक्षण गृह कार्यरत है. इन अनुरक्षण केंद्रों में 650 की क्षमता है. जिसमें से लगभग 514 जगह रिक्त है. केंद्र सरकार की मिशन वात्सल्य योजना के अंतर्गत प्रवेशकों को 4,000 रु. प्रति माह भत्ता दिया जाता है. महात्मा फुले जनस्वास्थ्य योजना का लाभ मिलता है. इसी दौरान निधि खर्च के अधिकार पालक मंत्री को देने की मांग की. एक माह के भीतर उचित कार्यवाही करने का आश्वासन तटकरे ने दिया.