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    नागपुर. कोरोना की दूसरी लहर का असर लगभग खत्म होने के कारण जहां व्यावसायिक गतिविधियों में राहत दी गई, वहीं स्कूलों को शुरू करने का निर्णय लिया गया है. हालांकि नये वैरिएंट ओमिक्रॉन के चलते पहली से 7वीं तक शुरू होने वाली कक्षाओं को लेकर फिलहाल फैसला लंबित तो रखा गया है किंतु 8वीं से 12वीं तक की कक्षाएं बदस्तूर जारी हैं. लंबे समय बाद मनपा के स्कूल शुरू हुए हैं. इनमें भी छात्रों को कम्प्यूटर एजुकेशन नहीं के बराबर दिया जा रहा था. ऐसे में अलकेम कम्पनी और सहयाद्री फाउंडेशन के सहयोग से मनपा ने अपने छात्रों के लिए बस में कम्प्यूटर सेंटर तैयार कर मोबाइल सेंटर एजुकेशन का सिलसिला शुरू किया. इस तरह से मनपा छात्रों का भविष्य संवारने की कवायद होने की जानकारी मनपा ने दी. मनपा शिक्षाधिकारी प्रीति मिश्रीकोटकर के हाथों बस के इस सेंटर का लोकार्पण किया गया. 

    8,000 छात्रों को शिक्षा देने का लक्ष्य

    मनपा के अति. आयुक्त दीपककुमार मीना ने कहा कि अलकेम कम्पनी और सह्याद्री फाउंडेशन द्वारा दी गई बस में कुल 18 सीटें हैं जिनमें लैपटॉप, प्रोजेक्टर, एसी, प्राथमिक उपचार आदि की व्यवस्था है. 5वीं से 9वीं कक्षा तक के कुल 8,000 छात्रों को कम्प्यूटर की शिक्षा देने का लक्ष्य रखा गया है. कम्प्यूटर की शिक्षा के चलते मनपा छात्रों को अत्याधुनिक तकनीकी के नये-नये आयाम और आविष्कारों की जानकारी मिल सकेगी. साथ ही अन्य बड़े स्कूलों के छात्रों के साथ मुकाबला करने का हौसला मिल सकेगा. मकरधोकड़ा स्थित मनपा हिन्दी उच्च प्राथमिक स्कूल में इसका लोकार्पण किया गया. सहायक आयुक्त प्रकाश वराडे, चंद्रशेखर शेवगांवकर, दुष्यंत पाठक, विजय क्षीरसागर, विजय जोशी आदि उपस्थित थे. 

    बसों की बढाएंगे संख्या

    अति. आयुक्त मीना ने कहा कि इस तरह के प्रकल्पों से मनपा स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ने में मदद होगी. इसी तरह छात्र भी कई तरह की स्पर्धा परिक्षाओं के लिए तैयार होंगे. उनमें अध्यापन को लेकर विश्वास जाग सकेगा. साथ ही शिक्षा को लेकर रुचि पैदा होगी. संस्था के प्रबंधक निदेशक अय्यर श्रीनिवासन ने कहा कि मनपा के गरीब छात्रों को कम्प्यूटर शिक्षा देने के लिए पुन: बस दी जाएगी. कम्पनी की ओर से मुंबई में भी इस तरह के प्रकल्प का संचालन किया जाता है. पाठक ने कहा कि इस तरह से छात्रों को कम्प्यूटर शिक्षा की ओर आकर्षित करने का उद्देश्य है. यह बस अलग-अलग दिन अलग-अलग स्कूल में जाएगी. वहां के छात्रों को दिनभर कम्प्यूटर की शिक्षा देने के बाद अगली स्कूल में भेजा जाएगा.